हिन्दी कहानी के विकास का चतुर्थ चरण (सन् 1956-1975 ई.)
हिन्दी कहानी के विकास का चतुर्थ चरण (सन् 1956-1975 ई.)
हिंदी कहानी के चतुर्थ चरण में जैनेंद्र द्वारा प्रवर्तित मनोविश्लेषण की परंपरा का विकास हुआ। भगवती प्रसाद वाजपेयी तथा राम प्रसाद आदि का योगदान मिला।
भगवती प्रसाद वाजपेयी
- वाजपेयी ने अपनी कहानियों में मनोवैज्ञानिक सत्यों को उद्घाटित किया। उनके अनेक कहानी संग्रह प्रकाशित हुए जिनमें 'हिलोर', 'पुष्करिणी' तथा 'खाली बोतल' आदि प्रमुख हैं। उनकी कहानियों में मिठाई वाला', 'झांकी', 'त्याग' तथा 'वंशीवादन' आदि श्रेष्ठ कहानियां मानी जाती हैं। भगवती चरण वर्मा ने कहानी के क्षेत्र में असाधारण सफलता प्राप्त की है। उनमें विश्लेषण की गरिमा तथा गंभीरता है। मार्मिकता एवं रोचकता का गुण भी विद्यमान है।
- उनके कहानी-संग्रह खिलते-फूल', 'इंस्टालमेंट' तथा दो बांके आदि उल्लेखनीय हैं।
सच्चिदानन्द हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय
- चतुर्थ चरण के मनोवैज्ञानिक कहानीकारों में भी अज्ञेय का नाम उल्लेखनीय है। इन्होंने मनोविश्लेषण परंपरा को और आगे बढ़ाया है। 'विपयाग', 'परंपरा', 'कोठरी की बात' तथा 'जयदोल' इनके प्रमुख कहानी संग्रह हैं।
इला चन्द्र जोशी
- इनके कहानी संग्रह 'रोमांटिक छाया', 'आहूति' तथा 'दीवाली और होली' आदि हैं। जोगी ने मनोविज्ञान के सत्यों का उद्घाटन किया जिससे अन्य लेखकों की अपेक्षा इनका अधिक मर्मस्पर्शी रूप सामने आया।
उपेंद्र नाथ 'अश्क'
- सामाजिक विषयों को अपनाने वाले लेखकों में उपेंद्रनाथ 'अश्क' का नाम चतुर्थ चरण में भी प्रमुख है। उनकी कहानियों में 'पिंजरा', 'पाषाण, 'मोती', 'दूलो 'मरुस्थल', 'गोखरू, खिलौने', 'चट्टान', जादूगरनी' तथा 'चित्रकार की मौत आदि प्रमुख हैं। इनको अत्यधिक लोकप्रियता मिली। अश्क की विषय वस्तु, शैली एवं रोचकता की दृष्टि से प्रेम चंद की परंपरा को आगे बढ़ाने वाले कहानीकार हैं।
यशपाल
- यशपाल ने अपनी कहानियों में आधुनिक समाज की विषमताओं पर करारा व्यंग्य किया है उनकी कहानियों में पराया सुख, 'हलाल का टुकड़ा', 'ज्ञान दान', 'कुछ न समझ सका', 'जबरदस्ती' तथा 'बदनाम' आदि उल्लेखनीय हैं।
चन्द्रगुप्त विद्यालंकार
- विद्यालंकार का कहानी क्षेत्र में विशेष नाम है। आपकी कहानियों के द्वारा कहानी-कला का विकास हुआ है। विद्यालंकार के कहानी संग्रह 'चन्द्रकला' तथा 'अमावस' है।
राम प्रसाद पहाड़ी
- पहाड़ी का हिंदी कहानी को विशेष योगदान है। पहाड़ी के कहानी संग्रह 'सड़क पर', 'मौली' तथा 'बरगद की जड़े, आदि उल्लेखनीय हैं।
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