महाराणा प्रताप प्रश्न उत्तर (Maharana Pratap Question Answer in Hindi)
महाराणा प्रताप प्रश्न उत्तर
- महाराणा सांगा के ज्येष्ठ पुत्र भोजराज का विवाह भक्त शिरोमणि मीराँबाई के साथ हुआ था तथा सांगा के महारानी कर्मवती से दो छोटे पुत्र कुँवर विक्रमादित्य एवं उदयसिंह थे।
- उदयसिंह महाराणा सांगा के सबसे छोटे पुत्र थे।
महाराणा प्रताप के माता पिता कौन थे ?
- पिता का नाम उदयसिंह एवं माता का नाम जयवंती देवी था
महाराणा प्रताप का जन्म कब हुआ ?
- अखैराज सोनगरा की पुत्री जयवंती देवी की पावन कोख से 9 मई 1540 ई. (ज्येष्ठ शुक्ला तृतीया वि. स. 1597) को कुम्भलगढ़ में महाराणा प्रताप का जन्म हुआ।
महाराणा प्रताप शस्त्र शिक्षा किससे प्राप्त की ?
- सन् 1552 ई. में प्रताप माँ के साथ चित्तौड़ आ गए। यहाँ वे चित्तौड़ के झाली महल में रहने लगे। कृष्णदास रावत के देख-रेख में उनकी शस्त्र शिक्षा प्रारम्भ हो गई। वे शीघ्र ही तलवार, भाला तथा घुड़सवारी कला में पारंगत हो गए।
महाराणा प्रताप का विवाह किससे हुआ ?
- महाराणा प्रताप का विवाह राव मामरख पंवार की पुत्री अजबदे के साथ हुआ ।
महाराणा प्रताप के पुत्र का नाम क्या था ?
- 16 मार्च 1559 ई. में प्रताप को महारानी अजबदे की कोख से अमरसिंह नामक पुत्र की प्राप्ति हुई।
अकबर ने चित्तौड़ पर आक्रमण कब किया?
- अक्टूबर 1567 ई. में अकबर ने चित्तौड़ पर आक्रमण किया। चार मास घेरा डाले रखा परन्तु उसे सफलता नहीं मिली। सर्वशक्तिमान बादशाह का गर्व चित्तौड़ के समक्ष चूर-चूर हो गया। उसने टोडरमल को भेज जयमल को खरीदने का प्रयास किया। किन्तु जयमल ने प्रस्ताव ठुकरा दिया और युद्ध में मुकाबला करने को कहा।
- किले में रसद खत्म हो गई। तब 25 फरवरी 1568 ई. के पावन दिन सतीत्व रक्षार्थ पत्ता चूडावत की पत्नी महारानी फूल कँवर के नेतृत्व में 7000 क्षत्राणियों ने जौहर किया।
गोगुंदा को राजधानी कब और किसने बनाया ?
- अकबर की सेना ने किले में प्रवेश कर वहाँ रह रहे तीस हजार निर्दोष स्त्री पुरुष एवं बच्चों का कत्लेआम कर अपनी जीत का जश्न मनाया। महाराणा उदयसिंह इस हार को सहन नहीं कर सके। इसी दौरान उन्होंने गोगुंदा को राजधानी बनाया। अस्वस्थता के कारण 28 फरवरी 1572 ई. में होली के दिन उनका स्वर्गवास हो गया।
महाराणा प्रताप ने कौन सी भीषण प्रतिज्ञा ली थी ?
- जनशक्ति को जाग्रत करने हेतु प्रताप ने भीषण प्रतिज्ञा की "जब तक मैं शत्रुओं से अपनी मातृभूमि को स्वतंत्र नहीं करा लेता तब तक मैं न तो महलों में रहूँगा, न ही सोने चाँदी के बर्तनों में भोजन करूँगा। घास ही मेरा बिछौना तथा पत्तल - दोने ही मेरे भोजन पात्र होंगे।"
महाराणा प्रताप की मृत्यु कब हुई ?
- अपने जीवन के 57 बसंत पूर्ण कर माघ शुक्ला एकादशी तदनुसार 29 जनवरी 1597 ई. को चावंड में अपनी इहलौकिक लीला पूर्ण की। प्रताप के देहावसान खबर सुनकर सर्वत्र शोक की लहर फैल गई।