उपन्यास शब्द: व्याख्या एवं अर्थ
उपन्यास शब्द: व्याख्या एवं अर्थ
- सं. उप. / नि. / अस् + घञ् प्रत्यय लगाकर 'उपन्यास' शब्द व्युत्पन्न हुआ है। 'अस्' + क्षेपण अर्थ में लिया गया है।
- उपन्यास का अर्थ वाक्य का उपक्रम बंधान; अमानत / धरोहर प्रमाण वह बड़ी और लंबी आख्यायिका जिसमें किसी व्यक्ति के काल्पनिक या वास्तविक जीवन चरित्र का चित्र अंकित या उपस्थित किया जाता है। इस शब्द का अंग्रेजी पर्याय 'नॉवेल' है । बंगला में 'नवल कथा' कहते हैं।
'उपन्यास शब्द का मूल अर्थ
- 'उपन्यास शब्द का मूल अर्थ निकट रखी हुई वस्तु (उप-निकट, न्यास-रखी हुई), आधुनिक साहित्य में इसका अर्थ गद्य की एक विशिष्ट विधा हेतु किया जाता है जो आयाम में विस्तृत होती है। ऐसी आख्यायिका जिसमें समाज के किसी अंग का चरित्र-चित्रण, काल्पनिक एवं वास्तविक के समन्वित रूप में अंकित होता है। सर्वांगीण व्यापक सामाजिक चित्रण उपन्यास कहलाता है।
- उपन्यास के मूल अर्थ एवं आधुनिक अर्थ में यद्यपि साम्य नहीं रह गया है किन्तु विद्वानों ने उसका समन्वित प्रस्तुत करने का यत्न किया है। उनके अनुसार उपन्यास में मानव जीवन को उसके अति निकट उपस्थित कर देने वाली विधा उपन्यास कहलाती है।
- इस दृष्टि से यह नाम सर्वथा उचित प्रतीत होता है किन्तु यही कार्य नाटक, एकांकी एवं कहानी भी करते हैं। माना कि एकांकी एवं कहानी का आयाम छोटा होता है किन्तु नाटक की कथा तो लंबी और बड़ी होती है। उपस्थिति करने की प्रवृत्ति उसकी भी उपन्यास जैसी ही है।
- प्राचीन काव्य शास्त्र में उपन्यास शब्द का प्रयोग भी प्रतिमुख संधि' के एक उपभेद के रूप में किया गया है। भरतमुनि ने इसके लिए 'उपपत्ति कृत्तों यर्थ' तथा प्रसादनम्' आदि विशेषण प्रस्तुत किए हैं जिनका अर्थ होता हैं किसी अर्थ को युक्तिपूर्ण ढंग से प्रस्तुत करने वाला तथा प्रसन्नता प्रदान करने वाला' किंतु यही स्थिति साहित्य की अन्य विधाओं की भी है। आधुनिक उपन्यास अंग्रेजी पर्याय नॉवेल के अर्थों में प्रयुक्त होता है। उपन्यास शब्द पूर्ण अर्थ न प्रदान करते हुए भी साहित्य की विधा विशेष के लिए अत्यधिक प्रचलित रूप धारण कर चुका है।