पण्डितराज जगन्नाथ का साहित्य में योगदान (Jagannatha Panditaraja Literature)
पण्डितराज जगन्नाथ कृत रचनायें Jagannatha Panditaraja Ki rachnaye
1. श्रृंगारविलास 180 पद्य ।
2. आसफविलास-गद्याख्यान, शाहजहाँ की काश्मीरयात्रा एवं वहाँ के नवाब आसफखान से मुलाकात।
3. करुणविलास ( पत्नी वियोग में विलाप ) 19 पद्य
4. प्रास्ताविक विलास-122 पद्य ।
5. शान्तिविलास- निर्वेद पद्य-44।
6. जगदाभरण- 53 पद्य । विकानेर के राजा जगत सिंह की प्रशंसा ।
7. प्राणाभरण- 53 पद्य कामरूप (कुचविहार) के राजा प्राणनारायण की प्रशंसा यह ‘जगदाभरण' में ही नाम परिवर्तन करके प्रस्तुत किया गया है।
8.यमुनावर्णन-गद्य, अनुपलब्ध, रसगंगाधर के मध्यम काव्य के उदाहरण में इसकी पंक्ति उद्धृत है।
9. लहरी-पंचक
- (1) गंगालहरी- 53 पद्य, इसे पीयूषलहरी भी कहते हैं ‘‘इमां पीयूष लहरीं जगन्नाथेन निर्मिताम्”।
- (2) यमुना लहरी-11 पद्य, इसे अमृतलहरी कहते हैं।
- (3) करुणालहरी - 55 पद्य, कृष्ण की स्तुति ।
- (4) लक्ष्मीलहरी - 41 पद्य
- (5) सुधालहरी -30 पद्य, सूर्यस्तुति ।
10. भामिनीविलास 588 पद्य
11.चित्रमीमांसा खण्डनम्-अप्पयदीक्षितकृत चित्रमीमांसा अलंकारशास्त्रीय ग्रन्थ का खण्डन ।
12.मनोरमाकुचमर्दनम्-भट्टोजिदीक्षित प्रौढमनोरमा (व्याकरणशास्त्रीय व्याख्या ग्रन्थ) का खण्डन
13. रसगंगाधर- अलंकारशास्त्रीय महान् ग्रन्थ