परीक्षण : बुद्धि परीक्षण
परीक्षण : बुद्धि परीक्षण प्रस्तावना
मनोवैज्ञानिक परीक्षण का उद्देश्य, मापी जाने वाली योग्यता की परिभाषा, विशिष्टीकरण तालिका, पद विश्लेषण के आंकड़े, प्रशासित करने व अंकन की विधियाँ, विश्वसनीयता, वैधता तथा मानक आदि का वर्णन परीक्षण निर्देशिका में किया जाता है। परीक्षण निर्देशिका की सहायता से कोई भी अन्य व्यक्ति परीक्षण के सम्बन्ध में विभिन्न सूचनायें प्राप्त कर सकते हैं तथा परीक्षण का उपयोग कर सकते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में छात्रों की शैक्षिक एवं मानसिक योग्यता में भिन्नता का विशेष महत्व है । शैक्षिक एवं मानसिक योग्यता में छात्रों की भिन्नता को ध्यान में रखकर ही अध्यापकों को अपने शिक्षण कार्य को नियोजित करना होता है। छात्रों की शैक्षिक एवं मानसिक क्षमता में अन्तर होने का मुख्य कारण उनकी बुद्धि व अन्य विशेषताओं में अन्तर होता है। वास्तव में प्रत्येक बालक अन्य बालकों से बुद्धि व अन्य विशेषताओं की दृष्टि से कुछ न कुछ भिन्न अवश्य होता है।
बुद्धि परीक्षण (Intelligence Test)
परीक्षण वे उपकरण है जो व्यक्ति के विभिन्न गुणो का मापन
करते हैं। परीक्षण से तात्पर्य किसी व्यक्ति को ऐसी परिस्थितियों में रखने से है
जो उसके वास्तविक गुणों को प्रकट कर दे। जैसे -बुद्धि मापने के लिए बुद्धि परीक्षण, रूचि मापने के
लिए परीक्षण, व्यक्तित्व के लिये
व्यक्तित्व परीक्षण तथा अभिक्षमता मापने के लिए अभिक्षमता परीक्षणों का प्रयोग
किया जाता है।
विभिन्न मनोवैज्ञानिकों ने बुद्धि को जिस रूप में देखा व
समझा उसी रूप में उसको परिभाषित कर दिया। "बुद्धि" क्या है ? यह एक ऐसा प्रश्न
है जिस पर मनोवैज्ञानिकों में मतभेद रहा है। स्टर्न, बर्ट तथा क्रूज ने बुद्धि को समायोजन करने की
योग्यता के रूप में परिभाषित किया। कुछ मनोवैज्ञानिकों ने बुद्धि को सीखने की
योग्यता के रूप में समझा तथा कुछ ने बुद्धि को अमूर्त चिन्तन की क्षमता के रूप में
जाना ।
बुद्धि मापन की आवश्यकता
वैयक्तिक भिन्नता के फलस्वरूप बुद्धि मापन की आवश्यकता से
अनुभव किया गया। बुद्धि परीक्षण का वर्तमान दौर बीसवीं शताब्दी के प्रथम दशक में
प्रारम्भ हुआ था। सन् 1905 में बिने ने
अपने सहयोगी साइमन के साथ मिलकर आधुनिक प्रकार का सबसे पहला सफल बुद्धि परीक्षण
किया था । बुद्धि मापन के ऐतिहासिक विकासक्रम को तीन काल खण्डों में बाँटा जा सकता
है- बिने-पूर्वकाल, बिने - काल तथा
बिने- उत्तर काल ।
बुद्धि मापन की तकनीकें :-
बुद्धि परीक्षण के परिणाम अंकों के रूप में प्राप्त होते हैं परन्तु केवल इन अंकों के आधार पर बुद्धि के सम्बन्ध में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। बुद्धि परीक्षण से प्राप्त प्राप्तांकों को मानसिक आयु में बदलकर फिर उसकी सहायता से बुद्धि लब्धि की गणना की जाती है। मानसिक आयु तथा बुद्धि लब्धि ही किसी व्यक्ति की उच्च बुद्धि, सामान्य बुद्धि या निम्न बुद्धि को बताती है ।
मानसिक आयु :-
सर्वप्रथम इसका प्रयोग बिने ने 1908 में किया था ।
वास्तव में मानसिक आयु किसी व्यक्ति के द्वारा प्राप्त विकास की वह अभिव्यक्ति है
जो उसके बौद्धिक कार्यों द्वारा ज्ञात की जाती है तथा किसी आयु विशेष में उसकी
अपेक्षा होती है।
वास्तविक आयु:-
उसी प्रकार शारीरिक आयु से तात्पर्य व्यक्ति
की वास्तविक आयु या उसके जन्म से वर्तमान समय की अवधि से है। इसका आधार बालक की
जन्मतिथि का स्कूल प्रवेश रिकार्ड हो सकता है।
बुद्धि लब्धि :-
मानसिक आयु के आधार पर स्टर्न तथा टर्मन ने
"बुद्धि - लब्धि' का प्रत्यय
प्रतिपादित किया। बुद्धि लब्धि ज्ञात करने के लिये मानसिक आयु को वास्तविक आयु से
भाग दिया जाता है तथा निम्न सूत्र का प्रयोग किया जाता है-
बुद्धि लब्धि (I. Q. ) = मानसिक आयु / वास्तविक आयु x 100
यदि किसी बालक की मानसिक आयु 12 वर्ष और शारीरिक
आयु 10 वर्ष है तो उसकी
बुद्धिलब्धि होगी-
I. Q. =12 /10 x 100 = 120
जब मानसिक आयु वास्तविक आयु से अधिक होती है तो बालक प्रखर
बुद्धि वाला समझा जाता है तथा जब मानसिक आयु वास्तविक आयु से कम होती है तो वह
मन्द बुद्धि का बालक समझा जाता है। यदि दोनों बराबर हो तो वह औसत बुद्धि वाला बालक
समझा जाता है।
टरमैन ने बुद्धिलब्धि के वितरण की तालिका तैयार की। सामान्य
तौर पर किसी बड़े समूह के लिये बुद्धिलब्धि का वितरण सामान्य प्रायिकता वक्र का
अनुगमन करता है |
बुद्धि परीक्षणों के प्रारूप :-
(A) प्रशासन के आधार
पर बुद्धि परीक्षण दो प्रकार के होते हैं।
(I) व्यक्तिगत बुद्धि परीक्षण (Individual Intellignece Test)
(II) सामूहिक बुद्धि परीक्षण (Group Intelligence Test)
(I) व्यक्तिगत बुद्धि परीक्षण :-
एक समय में एक ही व्यक्ति पर प्रशासन किया जाने वाला परीक्षण व्यक्तिगत
बुद्धि परीक्षण कहलाता है। इसके प्रशासन में एक कुशल दक्ष तथा प्रशिक्षित
परीक्षणकर्ता की आवश्यकता होती है। किसी आयु समूह हेतु प्रश्नों का चयन सरलता से
कठिनता की ओर किया जाता है। इन प्रश्नों का उत्तर बालक मौखिक रूप से या निष्पादन
के द्वारा देता है। इन प्राप्त प्रत्युत्तरों के आधार पर बुद्धिमापन का प्रयास
किया जाता है। बिने-साइमन बुद्धि परीक्षण, स्टैनफोर्ड-टरमन संशोधन, वैश्लर बुद्धि परीक्षण, गुडएनफ ड्रा ए मैन परीक्षण व्यक्तिगत बुद्धि परीक्षण के
प्रमुख उदाहरण हैं।
(II) सामूहिक बुद्धि परीक्षण
सामूहिक बुद्धि परीक्षणों के द्वारा एक ही समय में व्यक्तियों के विशाल
समूहों पर प्रशासित किया जा सकता है। सामूहिक बुद्धि परीक्षणों का प्रारम्भ
द्वितीय विश्वयुद्ध के समय में प्रारम्भ हुआ। सैनिकों की भर्ती के लिए ऐसे बुद्धि
परीक्षण की आवश्यकता थी जो एक साथ अनेक व्यक्तियों पर प्रशासित किया जा सके। इसी
कारण आर्मी अल्फा परीक्षण तथा आर्मी बीटा परीक्षणों का निर्माण हुआ । आर्मी अल्फा
परीक्षण अंग्रेजी भाषा जानने वालों के लिये तथा आर्मी बीटा परीक्षण अंग्रेजी न
जानने वालों व अशिक्षितों के लिये था इस प्रकार के परीक्षण का प्रशासन तथा फलांकन
सरल होता है तथा सामान्य प्रशिक्षण के उपरान्त कोई भी सामान्य व्यक्ति इनका
प्रशासन कर सकता है। एस. जलोटा, आर. के. टण्डन व प्रयाग मेहता के सामान्य मानसिक परीक्षण
सामूहिक बुद्धि परीक्षण के उदाहरण है।
(ब) विषय वस्तु
एवं भाषा के आधार पर बुद्धि परीक्षणों को दो श्रेणियों में विभक्त किया जा सकता है-
1. शाब्दिक बुद्धि परीक्षण
2. अशाब्दिक बुद्धि
परीक्षण
1. शाब्दिक बुद्धि परीक्षण :-
शाब्दिक बुद्धि परीक्षणों में शब्दों या भाषा के माध् यम से प्रश्नों
या समस्याओं को प्रस्तुत किया जाता है तथा परीक्षार्थी भी शब्दों या भाषा के
माध्यम से इन प्रश्नों या समस्याओं का उत्तर प्रदान करते हैं। शाब्दिक परीक्षण
प्रायः कागज-कलम परीक्षण या लिखित परीक्षण होते हैं। शाब्दिक बुद्धि परीक्षण
व्यक्तिगत तथा सामूहिक दोनों प्रकार के हो सकते हैं। बिने-साइमन परीक्षण तथा जलोटा, टंडन व मेहता के
बुद्धि परीक्षण शाब्दिक बुद्धि परीक्षणों के उदाहरण हैं।
2. अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण :-
अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण में शब्दों या भाषा का प्रयोग न करके चित्रों
या अन्य स्थूल वस्तुओं के माध्यम से समस्यायें प्रस्तुत की जाती है। चित्रों या
स्थूल सामग्री की सहायता से प्रश्नों की रचना की जाती है। परीक्षार्थी को सही
चित्र या वस्तु छांटकर अथवा कुछ क्रिया करके अपने उत्तर को व्यक्त करना होता है।
अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण दो प्रकार के - (i) कागज-कलम परीक्षण (Paper Pencil Tests) तथा (ii) निष्पादन परीक्षण
( Performance Tests) के रूप में हो
सकते हैं। रेविन की प्रोग्रेसिव मैट्रिक्स कागज-कलम प्रकार का तथा भाटिया बैटरी
निष्पादन प्रकार का अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण है।
बुद्धि परीक्षणों के उपयोग :-
1. वैयक्ति विभिन्नताओं के अध्ययन में
2. शैक्षिक उपयोग में
3 व्यावसायिक उपयोग में
4. अनुसन्धान के क्षेत्रों के उपयोग में
5. व्यावहारिक जीवन के उपयोग में
6. नैदानिक उपयोग में