चार्ली चैप्लिन यानी हम सब प्रश्न उत्तर (अभ्यास के प्रश्नोत्तर)
चार्ली चैप्लिन यानी हम सब प्रश्न उत्तर (अभ्यास के प्रश्नोत्तर)
प्रश्न 1. लेखक ने ऐसा क्यों कहा कि अभी चैप्लिन पर करीब 50 वर्षों तक काफी कुछ कहा जाएगा ?
उत्तर- लेखक ने ऐसा इसलिए कहा है कि अभी चैप्लिन पर करीब 50 वर्षों तक काफी कुछ कहा जाएगा, क्योंकि-
(1) चार्ली की कुछ फिल्में और इस्तेमाल न की गई रौलें बाद में मिलीं।
(2) दुनिया में टेलीविजन और वीडियो के प्रसार के साथ-साथ उनकी फिल्में देखने वाला एक बड़ा दर्शक वर्ग भी है जो विचार प्रस्तुत करेंगे।
(3) नए-नए फिल्म समीक्षक चार्ली के बारे में नए-नए दृष्टिकोण से विचार दे रहे हैं।
प्रश्न 2. “चैप्लिन ने न सिर्फ फिल्म-कला को लोकतांत्रिक बनाया बल्कि दर्शकों की वर्ग तथा वर्ण व्यवस्था को तोड़ा।" इस पंक्ति में लोकतांत्रिक बनाने का और वर्ण-व्यवस्था तोड़ने का क्या अभिप्राय है ? क्या आप इससे सहमत हैं ?
उत्तर - चार्ली ने फिल्म कला को लोकतांत्रिक बनाया अर्थात् उन्होंने जन सामान्य के लिए उनके विचारों, रुचियों और जीवन स्तर के अनुरूप बनाया। वर्णं व्यवस्था तोड़ने का अभिप्राय है कि चार्ली से पहले फिल्में विशेष जाति व वर्ण के लोगों के लिए उनकी रुचि के अनुरूप हो बनाई जाती थीं जिसमें मुख्य रूप से राजदरबारियों और शासन वर्ग को खुश करने के लिए चाटुकारिता पूर्ण फिल्में बनती थीं। इस परंपरा को तोड़ते हुए चार्ली ने ऐसी फिल्में बनाई जिसमें उसने राजदरबारियों और शासक वर्ग के रोष की परवाह न करते हुए पोल खोल दी और कहा कि “राजा भी उतना ही नंगा है जितना मैं हूँ।"
प्रश्न 3. लेखक ने चार्ली का भारतीयकरण किसे कहा और क्यों ? गाँधी और नेहरू ने भी उनका अथवा
चार्ली चैप्लिन का भारतीयकरण किन-किन रूपों में पाया जाता है ? पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तर - भारतीय फिल्मों में नायकों पर हँसने या स्वयं नायक को हास्यास्पद दिखाने की परंपरा नहीं थी किन्तु यह काम सर्वप्रथम राजकपूर ने अपनी फिल्म आवारा में किया। जिसे चार्ली का भारतीयकरण कहा गया। इसके बाद अन्य कलाकारों अमिताभ बच्चन, शम्मी कपूर, श्रीदेवी ने भी चार्ली की नकल कर उसका भारतीयकरण करने का प्रयास किया। गाँधी जी में चार्ली का खासा पुट था। गाँधी और नेहरू भी चार्ली की तरह स्वयं को कई बार हास्यास्पद रूप में ढाल लेते थे यही कारण था कि वे चार्ली का सानिध्य चाहते थे।
प्रश्न 4. लेखक ने कलाकृति और रस के संदर्भ में किसे श्रेयस्कर माना है और क्यों ? क्या आप कुछ ऐसे उदाहरण दे सकते हैं जहाँ कई रस साथ-साथ आए हों ?
उत्तर- लेखक ने कलाकृति और रस के संदर्भ में रस को श्रेयस्कर माना है क्योंकि किसी भी कलाकृति में एक रस अकेले रुचिकर या दर्शकों को मुग्ध करने में उतनी सफल नहीं होती जितनी अनेक रसों के सामंजस्य से बनी कलाकृति सफल, रुचिकर और दर्शकों को मुग्ध करने वाली होती है।
उदाहरण - लक्ष्मण मूर्च्छा राम विलाप में करुण और वीर रस का सामंजस्य है। युद्धों के दृश्यांकण में वीर व रौद्र रस का सामंजस्य होता है।
फिल्म 'हम आपके हैं कौन' में शृंगार, करण, हास्य, बीर वात्सल्य रसों का सामंजस्य है। -
प्रश्न 5. जीवन की जद्दोजहद ने चार्ली के व्यक्तित्व को कैसे संपन्न बनाया ?
अथवा चार्ली चैप्लिन के जीवन संघर्ष पर प्रकाश डालिए।
उत्तर—
चाल का जीवन बचपन से लेकर युवावस्था तक संकटों, संघर्षों से भरा था। बचपन में ही परित्यक्ता माँ, फिर उनका पागलपन, नानी का खानाबदोश होना, साम्राज्य, औद्योगिक क्रांति, पूँजीवाद, सामंतशाह से मगरूर समाज द्वारा दुरदुराया जाना शासक तंत्र का शोषण आदि ने उनके व्यक्तित्व को संपन्न बनाया।
प्रश्न 6. चार्ली चैप्लिन की फिल्मों में निहित त्रासदी / करुणा / हास्य का सामंजस्य भारतीय कला और सौंदर्यशास्त्र की परिधि में क्यों नहीं आता ?
उत्तर - चार्ली चैप्लिन की फिल्मों में निहित त्रासदी / करुणा / हास्य का सामंजस्य भारतीय कला और सौंदर्यशास्त्र की परिधि में नहीं आता क्योंकि यह भारतीय रस सिद्धांत के अनुकूल नहीं थे। भारतीय कला और सौंदर्यशास्त्र सभी रसों के एक साथ सामंजस्य को स्वीकृति तो देता है किन्तु करुणा और हास्य का एक साथ होना अब तक श्रेयस्कर नहीं माना गया क्योंकि रामायण और महाभारत में भी हास्य दूसरों पर जो परसंताप से प्रेरित होता है किन्तु करुणा सद्व्यक्तियों के लिए या कभी दुष्टों के लिए रहा है। भारतीय विदूषकों ने भी करुणा और हास्य का सामंजस्य नहीं किया।
प्रश्न 7. चार्ली सबसे ज्यादा स्वयं पर कब हँसता है ? अथवा
चार्ली सबसे ज्यादा स्वयं पर कब और क्यों हँसता है ?
उत्तर - चार्लीीं सबसे ज्यादा तब हँसता है जब वह स्वयं को गर्वोन्मत, आत्मविश्वास से लबरेज, सफलता, सभ्यता, संस्कृति तथा समृद्धि की प्रतिमूर्ति, दूसरों से ज्यादा शक्तिशाली तथा श्रेष्ठ अपने 'वज्रादपि कठोराणि' या 'मृदुनि कुसुमादपि' क्षण में देखता था।
चार्ली चैप्लिन यानी हम सब महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर (अभ्यास के प्रश्नोत्तर)
प्रश्न 1. आपके विचार से मूक और सवाक् फिल्मों में से किसमें ज्यादा परिश्रम करने की आवश्यकता है और क्यों ?
उत्तर—मेरे विचार में मूक फिल्मों में ज्यादा परिश्रम की आवश्यकता होती है। सवाक् फिल्मों में भाषा के माध्यम से कलाकार अपने भाव व्यक्त कर देता है। वह वाणी के आरोह-अवरोह से अपनी दशा बता सकता है, परंतु मूक फिल्मों में हर भाव शारीरिक चेष्टाओं द्वारा व्यक्त किया जाता है। इस कार्य में अत्यंत दक्षता की जरूरत है।
प्रश्न 5. आजकल विवाह आदि उत्सवों, समारोहों एवं रेस्तरों में आज भी चार्ली चैप्लिन का रूप घरे किसी व्यक्ति से आप अवश्य टकराए होंगे। सोचकर बताइए कि बाजार ने चार्ली चैप्लिन का कैसा उपयोग किया है ?
उत्तर - आजकल विवाह आदि उत्सवों, समारोहों एवं रेस्तरों में चार्ली चैप्लिन का उपयोग हँसी-मजाक के प्रतीक के रूप में किया जाता है।
चार्ली चैप्लिन यानी हम सब प्रश्न उत्तर भाषा की बात
उत्तर- 1. जोर-जोर से बच्चा जोर-जोर से रोने लगा।
2. सीधा-सीधा- यहाँ से मंदिर का रास्ता सीधा-सीधा है।
3. कुछ-कुछ- उसकी लिखाई कुछ-कुछ मेरी तरह ही है।
प्रश्न 2. नीचे दिए वाक्यांशों में हुए भाषा के विशिष्ट प्रयोगों को पाठ के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए।
(क) सीमाओं से खिलवाड़ करना।
(ख) समाज से दुरदुराया जाना ।
(ग) सुदूर रुमानी संभावना ।
(घ) सारी गरिमा सुई चुभे गुब्बारे जैसी फुस्स हो उठेगी।
(ङ) जिसमें रोमांस हमेशा पंक्चर होते रहते हैं।
उत्तर- (क) चार्ली की फिल्में पिछले 75 वर्षों से समाज को मुग्ध कर रही हैं। इनके प्रभाव ने समय, भूगोल व संस्कृतियों की सीमाओं का अतिक्रमण कर दिया।
(ख) चार्ली को गरीबी व हीन सामाजिक दशा के कारण समाज से दुत्कारा गया।
(ग) चार्ली की नानी खानाबदोशों के समुदाय की थीं। इसके आधार पर लेखक कल्पना करता है कि चालों में कुछ भारतीयता अवश्य होगी क्योंकि यूरोप में जिप्सी जाति भारत से ही गई थी।
(घ) चाल जब जीवन के अनेक क्षेत्रों में स्वयं को श्रेष्ठतम दिखाता है तब एकाएक ऐसी परिस्थिति उत्पन्न हो जाती है कि उसकी गरिमा परिहास का रूप ले लेती हैं।
(ङ) चार्ली ने महानतम् क्षणों में अपमान, चरमतम शूरवीर क्षणों में क्लैब्य व पलायन, लाचारी में भी विजय के उदाहरण दिए हैं। वहाँ रोमांस हास्यापद घटना से मजाक में बदल जाता है।
(क) दरअसल सिद्धांत कला को जन्म नहीं देते, कला स्वयं अपने सिद्धांत या तो लेकर आती है या बाद में उन्हें गढ़ना पड़ता है।
(ख) कला में बेहतर क्या है— बुद्धि को प्रेरित करने वाली भावना या भावना को उकसाने वाली बुद्धि ?
(ग) दरअसल मनुष्य स्वयं ईश्वर या नियति का विदूषक, क्लाउन, जोकर या साइड किक है।
(घ) सत्ता, शक्ति, बुद्धिमता, प्रेम और पैसे के चरमोत्कर्ष में जब हम आईना देखते हैं तो चेहरा चार्ली चाली हो जाता है।
(ङ) मॉडर्न टाइम द ग्रेट डिक्टेटर आदि फ़िल्में कक्षा में दिखाई जाएं और फ़िल्मों में चाली की भूमिका पर चर्चा की जाए।
उत्तर- छात्र स्वयं विचार करें।
चार्ली चैप्लिन यानी हम परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
'चार्ली चैप्लिन' के व्यक्तित्व निम्नलिखित विशेषताएँ हैं
व्यक्तित्व निम्नलिखित विशेषताएँ हैं जिनके उन्हें जिनके कारण उन्हे भूलना कठिन है -
1. चार्ली चैप्लिन सदैव पर हँसते थे।
3. कोई व्यक्ति उन्हें बाहरी समझता
4. उनकी फिल्मों में हास्य कब
प्रश्न 2. चार्ली चैप्लिन ने भारतवासियों पर किस प्रकार उपकार किया है ?
चार्ली चैप्लिन की भारत क्या देन है ?
उत्तर - चार्ली चैप्लिन अपने हैरतअंगेज कारनामों लाखों बच्चों हँसाया। यह हँसी गुदगुदाती रहेगी। भारतीय फिल्मों को प्रभावित किया। राजकपूर ने बाद नायक-नायिकाओं भी चालों प्रभाव ग्रहण किया और स्वयं हँसी बनाया। इस चार्ली चैप्लिन भारतीयों को गुदगुदाकर बहुत उपकार किया।
प्रश्न 'चार्ली चैप्लिन' कौन था उसके भारतीयकरण लेखक का क्या आशय है ?
उत्तर चार्ली चैप्लिन पश्चिम का महान कलाकार जिसने हास्य फिल्में बनाई। उसकी फिल्मों में हास्य करुणा में बदल जाता भारतीय रस सिद्धांत इस तरह का परिवर्तन नहीं पाया जाता। पर फिल्म का अभिनेता स्वयं हँसता। राजकपूर 'आवारा' 420' कई फिल्मों के कलाकार चार्ली अनुकरण किया।
प्रश्न -जीवन की जद्दोजहद ने चार्ली के व्यक्तित्व को निखारा तो नानी की और से उन्हे कुछ अंशों भारतीयता से मिलते-जुलते संस्कार मिले"- पाठ के आधार स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- चार्ली बचपन बहुत संघर्ष में बीता। उन्हें पिता साए बिना परित्यक्ता के साथ जोना पड़ा। में भी गई तो सँभालना पड़ा। नौकरी करते हुए उन्हें पूँजीपतियों ठोकरें खानी पड़ी। इन सब अनुभवों चार्ली व्यक्तित्व का निर्माण किया। की थी। लोग 'जिप्सी' कहते थे। चार्ली जिप्सी संस्कार प्रश्न चार्ली जीवन प्रभाव डालने घटनाओं का उल्लेख कीजिए।
प्रश्न - बचपन की किन दो घटनाओ ने चार्ली के जीवन पर गहरा प्रभाव डाला।
उत्तर- चार्ली के जीवन घटनाओं का प्रमुख प्रभाव पड़ा, निम्न है -
1. एक चार्ली बीमार उसकी बाइबिल मसीह का जीवन चरित्र पढ़कर सुनाया। ईसा सूली पर चढ़ने के प्रसंग पर माँ-बेटे दोनों रोने लगे। कथा से उसने करुणा, स्नेह व मानवताका पाठ पढ़ा ।
2. दूसरी चार्ली पास की पास खाने एक एक भेड़ लिए देखकर दर्शकों हँसी ठहाके लगाए। इसके भेड़ पकड़ी गई। चालों भेड़ करुणा भाव फिल्मों का आधार बना।
प्रश्न 6. चार्ली चैप्लिन कौन था ? वह सबसे ज्यादा स्वयं पर कब हँसता है ?
उत्तर - चार्ली चैप्लिन एक महान हास्य अभिनेता था। उसमें स्वयं पर हँसने का गुण था। वह स्वयं पर सबसे अधिक तब हँसता था, जब वह गर्व, विश्वास, सफलता, सभ्यता, संस्कृति, और समृद्धि की सबसे ऊँची चोटी पर पहुँच जाता था।
प्रश्न 7. " चार्ली की फिल्में भावनाओं पर टिकी हुई हैं, बुद्धि पर नहीं ।" 'चार्ली चैप्लिन यानी हम सब ' पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर - हास्य फिल्मों के महान अभिनेता एवं निर्देशक चार्ली चैप्लिन की सबसे बड़ी विशेषता थी करुणा और हास्य के तत्वों का सामंजस्य उनकी फिल्मों में भावना प्रधान अभिनय दर्शकों को बाँधे रहता था। उनकी फिल्मों में भावनाओं की प्रधानता है, बुद्धि तत्व की नहीं। चार्ली को बचपन से ही करुणा और हास्य ने जबरदस्त रूप से प्रभावित किया है। वह पढ़ते हुए ईसा के सूली पर चढ़ने की घटना पर रो पड़ा और कसाई खाने से भागी भेड़ देखकर वह दयार्द्र होता है तो उसे पकड़ने वाले फिसल फिसल कर गिरते हुए हँसी पैदा करते हैं।
प्रश्न 8. चार्ली चैप्लिन कौन था ? उसके बचपन और पारिवारिक परिवेश पर प्रकाश डालिए।
उत्तर- चार्ली चैप्लिन एक महान हास्य अभिनेता था। उसने अपने अभिनय से संसार भर के लोगों को हंसाया और गुदगुदाया। उसका बचपन बहुत संघर्षमय था उसकी माता एक गरीब नर्तकी थी। पिता ने दोनों को त्याग दिया था। अतः भयंकर गरीबी में पिता के सायें के बिना उन्हें जीना पड़ा। माँ पागल हो गई। धन कमाने के लिए उद्योगपतियों और पूँजीपतियों के पास गए तो उन्होंने बहुत दुत्कारा। इस प्रकार गरीबी और अपमान का जीते हुए वे बड़े हुए।
प्रश्न 9. 'चार्ली चैप्लिन' का जीवन किस प्रकार हास्य और त्रासदी का रूप बनकर भारतीयों को प्रभावित करता है ? उदाहरण सहित लिखिए।
उत्तर- 'चार्ली चैप्लिन' का जीवन हास्य और त्रासदी का रूप बनकर भारतीयों को निम्नलिखित प्रकार से प्रभावित करता है-
1. प्रसिद्ध भारतीय सिने जगत के कलाकारों- राज कपूर, दिलीप कुमार, अमिताभ बच्चन, देव आनंद आदि के अभिनय पर चार्ली चैप्लिन के अभिनय का प्रभाव देखा जा सकता है।
2. चार्ली चैप्लिन के असंख्य भारतीय प्रशंसक हैं जो उनके अभिनय को बहुत पसंद करते हैं।
3. उन्होंने जीवन की त्रासदी भरी घटनाओं को भी हास्य द्वारा अभिव्यक्त करके दर्शकों को प्रभावित किया।
प्रश्न 10. चार्ली चैप्लिन को भारतीयों ने सहज भाव से क्यों अपनाया ?
उत्तर- चार्ली की रचनाओं में हास्य कब करुणा में बदल जाता हैं, इसका पता ही नहीं चलता। चाल के इसी सिद्धान्त को भारतीयों ने अपना लिया है। यही कारण है कि वे सहज भाव से भारतीयों द्वारा अपना लिए गये हैं।
प्रश्न 11. चार्ली चैप्लिन किन-किन के नजदीक लगते हैं ?
उत्तर- चार्ली चैप्लिन अपनी फिल्मों में सामान्य सार्वभौमिक से मानवीय चित्रण करते हैं, वे किसी भी देश के लेखक जैसे हो सकते हैं। अर्थात् वे सभी देशों के लोकप्रिय लेखकों के नजदीक लगते हैं, लेकिन मुंशी प्रेमचंद जैसी प्रवृत्ति के वे ज्यादा करीब लगते हैं।
12. क्या कारण है कि विकासशील देशों में चार्ली चैप्लिन लोकप्रिय हो रहे हैं ?
उत्तर - विकासशील देशों में अब टेलीविजन तथा वीडियो का प्रसारण बढ़ता ही जा रहा है। इससे एक बहुत बड़ा वर्ग नए सिरे से चार्ली की फिल्मों को देख रहा है। यही कारण है कि चार्ली चैप्लिन विकासशील देशों में लोकप्रिय हो रहे हैं।