नमक पाठ के प्रश्न उत्तर
नमक पाठ के प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1. सफ़िया के भाई ने नमक की पुड़िया ले जाने से क्यों मना कर दिया ?
उत्तर - सफ़िया के भाई ने नमक की पुड़िया ले जाने से इसलिए मना किया क्योंकि भारत और पाकिस्तान के विभाजन के पश्चात् नमक को एक देश से दूसरे देश में लाना ले जाना गैरकानूनी माना गया है जिसके तहत कस्टम अधिकारी सामान की जाँच करते हैं। यदि गैरकानूनी वस्तुएँ पाई जाती हैं तो चोरी (तस्करी) मान कर परि सामानों को बिखेर दिया जाता जिससे बदनामी होगी और वैसे भी भारत में नमक की कोई कमी नहीं है वहाँ पाकिस्तान से अधिक नमक पाया जाता है।
प्रश्न 2. नमक की पुड़िया ले जाने के संबंध में सफ़िया के मन में क्या द्वंद्व था ?
उत्तर - नमक की पुड़िया ले जाने के संबंध में सफ़िया के मन में यह द्वंद्व था कि वो नमक की पुलिया बाइज्जत कस्टम अधिकारी को दिखाकर उनकी अनुमति लेकर सौगात के रूप में ले जाए या फिर गैर-कानूनी सामान को कीनुओं की टोकरी में छिपा कर ले जाए क्योंकि फलों की टोकरियों की जाँच नहीं होती है।
प्रश्न 3. जब सफ़िया अमृतसर पुल पर चढ़ रही थी तो कस्टम आफिसर निचली सीढ़ी के पास सिर झुकाए चुपचाप क्यों खड़े थे ?
उत्तर- जब सफ़िया अमृतसर पुल पर चढ़ रही थी तो कस्टम अधिकारी निचली सीढ़ी के पास सिर झुकाए इसलिए खड़े थे क्योंकि उन्होंने सफ़िया के द्वारा सिख बीबी की वतन के प्रति आत्मीयता और तड़प को जानकर स्वयं भी अपने वतन को याद करने लगे थे। राजनैतिक स्वार्थी के लिए विभाजित किए गए देशों में देशवासियों की भावनाएँ अपने-अपने वतन के लिए किस तरह कूट-कूट कर भरी हैं जो अलगाव के कारण उन्हें टीस पहुँचाती हैं, यह सब सोचकर कस्टम अधिकारी सिर झुकाए खड़े थे।
प्रश्न 4. “ लाहौर अभी तक उनका वतन है" और देहली मेरा' या 'मेरा वतन ढाका है' जैसे उद्गार किस सामाजिक यथार्थ का संकेत करते हैं ?
उत्तर- "लाहौर अभी तक उनका वतन है" और 'देहली मेरा' या 'मेरा वतन ढाका है' जैसे उद्गार यह संकेत करते कि राजनैतिक कारणों से को विभाजित किया जा सकता किन्तु लोगों की भावनाओं को नहीं बाँटा जा सकता है। देशों के विभाजन से देशवासियों को भले ही विभाजित कर दिया जाए लेकिन देश के प्रति प्रेम और उसकी मिट्टी से लगाव को चाहकर भी जीवन के अंतिम समय से पृथक नहीं कर सकते हैं।
प्रश्न 5. नमक ले जाने के बारे में सफ़िया के मन में उठे द्वंद्वों के आधार पर उसकी चारित्रिक विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- नमक ले जाने के बारे में सफ़िया के मन में उठे द्वंद्वों के आधार पर उसकी निम्न चारित्रिक विशेषताएँ दिखाई पड़ती है-
1. भावुक, 2. वायदे की पक्की, 3. साहसी, 4. ईमानदार, 5. वाक्चातुर्य
1. भावुक - सफ़िया को अपनी स्वर्गवासी माँ की हूबहू छाया सिख बीबी में दिखाई पड़ती है अतः वह सिख बीबी से भावनात्मक रूप से जुड़कर उनके आदेशों का पालन करने को तत्पर है।
2. वायदे की पक्की - वह सिख बीबी को लाहौरी नमक की सौगात देने का जो वायदा की थी उसे पूरा करने के लिए उसका सैयदी होना काफी था। अतः वह सैयदों के अनुरूप उनका वादा जान देकर भी पूरा करना चाहती थी।
3. साहसी - अपने वादे को पूरा करने के लिए सफ़िया नमक जैसे गैरकानूनी सामान को जरूरत पड़ने पर छुपाकर ले जाने का भी साहस कर जाती है।
4. ईमानदार- सफ़िया ने बहुत सोच-विचार के पश्चात् गैरकानूनी नमक की सच्चाई कस्टम अफसर को बता कर ही ले जाना उचित समझा।
5.वाक्चातुर्य - सफ़िया ने अपने वाक्चातुर्य से लाहौर और अमृतसर के कस्टम अफसरों को गैरकानूनी लाहौरी नमक को भावनात्मक तोहफे के रूप में ले जाने को सहमत कर लिया।
प्रश्न 6. " मानचित्र पर एक लकीर खींच देने भर से जमीन और जनता बँट नहीं जाती है" - उचित तर्कों व उदाहरणों के जरिए इसकी पुष्टि करें।
अथवा
"सीमाएँ बँट जाने से दिल नहीं बँटा करते"- नमक कहानी में इस बात को किस तरह सिद्ध किया गया ?
उत्तर- "मानचित्र पर एक लकीर खींच देने भर से जमीन और जनता बँट नहीं जाती है"- लेखिका का यह कथन शत्-प्रतिशत सत्य है क्योंकि लोगों की भावनाएँ उनकी जन्मभूमि से उनके जन्मस्थल से जुड़ी होती हैं। लोगों की स्मृतियों उनकी जन्मभूमि, मातृभूमि से हमेशा बनी रहती है लोगों को बाँट भी दिया जाए लेकिन उनकी भावनाओं, आस्था, स्मृतियों को बाँटा या भुलाया नहीं जा सकता है। जिस प्रकार सिख बीबी प्रौढ़ावस्था में भी अपने बचपन की लाहौर की आबोहवा और लोगों को नहीं भूल पाई उसी प्रकार ढाका का कस्टम अफसर देहली और कलकत्ता में रहकर भी वहाँ की मिट्टी और पानी से पैदा हुए डाभ को नहीं भूल पाये।
प्रश्न 7. 'नमक' कहानी में भारत व पाक की जनता के आरोपित भेदभावों के बीच मुहब्बत का नमकीन स्वाद घुला हुआ है। कैसे ?
उत्तर- 'नमक' कहानी में भारत व पाक की जनता के आरोपित भेदभावों के बीच मुहब्बत का नमकीन स्वाद घुला हुआ है। जिस प्रकार किसी भी रिश्ते की प्रगाढ़ता में और वफादारी में नमकहलाली शब्द की विशेष भूमिका होती है उसी प्रकार भारत और पाकिस्तान के बीच राजनैतिक संबंधों में जितनी भी कड़वाहट क्यों न हो किन्तु वहाँ के लोगों के सगे-संबंधियों और मित्रों के बीच आज भी वही अपनापन, प्रेम और आत्मीयता है। यहाँ के खान-पान का स्वाद भी लोगों की जुबान को लालायित करता है, जिसका प्रमाण सिख बीबी के लाहौरी नमक की चाहत दर्शाती है। ऐसे गैरकानूनी सामान को लाने ले जाने में भी कस्टम अधिकारियों का अप्रत्यक्ष सहयोग भी रहता है।
नमक पाठ के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1. क्या सब कानून हुकूमत के ही होते हैं, कुछ मुहब्बत, मुरौवत, आदमियत, इंसानियत के नहीं होते ?
उत्तर- क्या सब कानून हुकूमत के ही होते हैं, कुछ मुहब्बत मुरौवत आदमियत, इंसानियत के नहीं होते?" ऐसा इसलिए कहा गया क्योंकि कानून तो देश और नागरिकों की सुरक्षा के लिए बनाये जाते हैं जो सही भी है किन्तु लोगों की भावनाओं और इंसानियत का क्या कोई वजूद नहीं है? महज एक सेर नमक किसी का मान रखने के लिए सौगात ले जाना भी कानून की नजरों में गैर कानूनी काम हो सकता है।
प्रश्न 2. भावना के स्थान पर बुद्धि धीरे-धीरे उस पर हावी हो रही थी।
उत्तर- "भावना के स्थान पर बुद्धि धीरे-धीरे उस पर हावी हो रही थी।" ऐसा इसलिए कहा गया है। क्योंकि नमक ले जाने के प्रसंग में सफ़िया की बातचीत गुस्से से उसके पुलिस अफसर भाई से हो रही थी तब सफ़िया भावुक होकर किसी भी तरह नमक ले जाना चाहती थी चाहे वो छुपाकर ही क्यों न जाए। किन्तु जब गुस्सा ठंडा हो जाता है तब उसे कानूनी दाँव-पेंच की बातें समझ में आती हैं तब वह बुद्धि से काम लेना शुरू करती हैं जिसके तहत वो नमक की पुड़िया कस्टम अफसर को दिखा कर ले जाती है।
प्रश्न 3. मुहब्बत तो कस्टम से इस तरह गुजर जाती है कि कानून हैरान रह जाता है।
उत्तर- " मुहब्बत तो कस्टम से इस तरह गुजर जाती है कि कानून हैरान रह जाता है।" ऐसा इसलिए कहा गया है क्योंकि कस्टम वाले भी इंसान हैं। उनके अंदर भी देशप्रेम, भावनाएँ व इंसानियत होती हैं। अतः जब उनके सामने ऐसे भावनात्मक स्थितियाँ आती हैं तो उनका कड़ा कानून भी ढीला और निष्प्रभावी हो जाता है और अप्रत्यक्ष रूप से उनका सहयोग मिल जाता है।
प्रश्न 4. हमारी जमीन हमारे पानी का मजा ही कुछ और है!
उत्तर- "हमारी जमीन हमारे पानी का मजा ही कुछ और है!" ऐसा इसलिए कहा गया क्योंकि निश्चित रूप से हर जगह की मिट्टी और पानी की प्रकृति अलग-अलग होती है जिसका प्रभाव वहाँ के उत्पादों (फलों, सब्जियों, अनाजों) पर पड़ता है इसलिए कलकत्ता के डाभ की बजाए ढाका का डाभ ज्यादा स्वादिष्ट होता है. जिसकी स्मृति कस्टम अफसर के दिलो दिमाग में छाई है।
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प्रश्न 1. फिर पलकों से कुछ सितारे टूटकर दूधिया आँचल में समा जाते हैं।
उत्तर- सिख बीबी सफ़िया से बातें करते हुए लाहौर शहर की आबोहवा, वहाँ के खान-पान और लोगों को याद करते हुए इतनी भावुक हो जाती है कि उनकी आँखों से आँसुओं की बूँदें टपकने लगती हैं और उनके दूधिया आँचल को भिगो देती हैं।
प्रश्न 2. किसका वतन कहाँ है- वह जो कस्टम के इस तरफ है या उस तरफ।
उत्तर- " किसका वतन कहाँ है-वह जो कस्टम के इस तरफ है या उस तरफ" अर्थात् भारत में रहने वाली सफ़िया और सिख बीबी की जन्मभूमि लाहौर है, पाक कस्टम अफसर दिल्ली का और देहली कस्टम अफसर ढाका के इस प्रकार सभी की जन्मभूमि कहीं और कर्मभूमि कहीं और है अतः ये कैसे निश्चित करें कि किसका गठन कहाँ है? अर्थात् शरीर से किसी देश में है तो आत्मा से किसी दूसरे देश से जुड़े हैं।
नमक पाठ के प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1. 'नमक' कहानी में हिन्दुस्तान-पाकिस्तान में रहने वाले लोगों की भावनाओं, संवेदनाओं को उभारा गया है। वर्तमान संदर्भ में इन संवेदनाओं की स्थिति को तर्क सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर—'नमक' कहानी में हिन्दुस्तान-पाकिस्तान में रहने वाले लोगों की भावनाओं, संवेदनाओं को उभारा गया है। वर्तमान समय में दोनों देशवासियों के बीच की संवेदनाएँ पहले जैसी नहीं रह गई हैं। विभाजन के दौर की पीड़ियाँ अब खत्म होने के कगार पर है। ऐसे में नई पीढ़ियों के लोगों के बीच वो अपनापन, भाईचारा. और आत्मीयता नहीं रही जो पूर्व में थी। वर्तमान पीढ़ी प्रतिस्पर्धात्मक विचारधारा की होकर कश्मीर की समस्या को तूल दे रही है जिससे कड़वाहट निरंतर बढ़ती जा रही है।
प्रश्न 3. भारत-पाकिस्तान के आपसी संबंधों को सुधारने के लिए दोनों सरकारें प्रयासरत हैं। व्यक्तिगत तौर पर आप इसमें क्या योगदान दे सकते / सकती हैं ?
उत्तर- 1. जिस प्रकार का व्यवहार हम दुनिया के अन्य देशों के प्रति रखते हैं उसी प्रकार पाकिस्तान और भारत के लोगों द्वारा व्यवहार कायम रखना चाहिए।
2. पड़ोसी मित्रों की तरह आपसी भाईचारा स्थापित करें।
3. रक्षा, सुरक्षा में एक अच्छे पड़ोसी की भूमिका निभाएँ।
4. आपस में मिलकर दोनों देश की संस्कृतियों का आदान-प्रदान कर आनंद लें।
5. सबसे प्रमुख बात विश्वासघात को भूलकर भी आगे न आने दें। अर्थात् आपसी विश्वास ही रिश्तों की मजबूत कड़ी होती है।
प्रश्न 4. लेखिका ने विभाजन से उपजी विस्थापन की समस्या का चित्रण करते हुए सक्रिया व सिख बीबी के माध्यम से यह भी परोक्ष रूप से संकेत किया है कि इसमें भी विवाह की रीति के कारण स्त्री सबसे अधिक विस्थापित है। क्या आप इससे सहमत हैं ?
उत्तर- जी हाँ! विवाह की रीति के कारण ज्यादातर स्त्रियों विस्थापित होती हैं किन्तु इस कहानी में विभाजन के दौरान विस्थापित होने वाले स्वेच्छा से विस्थापित हुए थे।
प्रश्न 5. विभाजन के अनेक स्वरूपों में बँटी जनता को मिलाने की अनेक भूमियाँ हो सकती हैं- 'रक्त संबंध, विज्ञान, साहित्य व कला' / इनमें से कौन सबसे ताकतवर है और क्यों ?
उत्तर- वर्तमान समय में सबसे ज्यादा ताकतवर विज्ञान है क्योंकि विज्ञान के आविष्कार से लोग ट्रेनों, हवाई जहाजों से आसानी से आ-जा सकते हैं। अन्य विशेष अवसरों पर एक-दूसरे से वे वार्तालाप टेलीफोन, मोबाइल व इंटरनेट का उपयोग करके दूरियाँ कम कर सकते हैं।
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प्रश्न 1. " अगर सभी का दिमाग हम अदीवों की तरह घूमा होता तो यह दुनिया कुछ बेहतर ही जगह होती भैया ।" सफ़िया ने ऐसा क्यों कहा ? स्पष्ट करें।
उत्तर- सफ़िया के पुलिस अफसर भाई ने सफ़िया से कहा था-" आप अदीब ठहरों और सभी अदीब का दिमाग थोड़ा-सा तो जरूर ही घूमा हुआ होता है।" इसके उत्तर में ही सफ़िया ने उपर्युक्त वाक्य कहा था जिसके द्वारा यह यह कहना चाहती है कि साहित्यकार प्रेम, करुणा, उदारता, सहिष्णुता, मानवता व भाईचारे का संदेश देता है। अतः यदि सभी व्यक्ति अदीबों की तरह होते तो दुनिया में घृणा, द्वेष, संघर्ष आदि न रहते और दुनिया मौजूदा स्थिति से अच्छी होती।
प्रश्न 2. नमक की पुड़िया ले जाने के संबंध में सफ़िया के मन में क्या द्वंद्व था ? उसका क्या समाधान निकला ?
उत्तर - नमक की पुड़िया ले जाने के संबंध में सफ़िया के मन में यह द्वंद्व था कि नमक की पुड़िया को चोरी से छिपाकर ले जाए या कस्टम अधिकारियों को दिखाकर ले जाए। पहले वह इसे कीनुओं की टोकरी में सबसे नीचे रखकर कीनुओं से ढँक लेती है। फिर वह यह निर्णय करती है कि वह प्यार के तोहफे को चोरी से नहीं ले जाएगी। वह नमक की पुड़िया को कस्टम वालों को दिखाएगी।
प्रश्न 3. "उनको यह नमक देते वक्त मेरी तरफ से कहिएगा कि लाहौर अभी तक उनका वतन है और देहली मेरा। तो बाकी सब रफ्ता रफ्ता ठीक हो जाएगा।" "नमक' कहानी में लाहौर के कस्टम अधिकारी के इस कथन के पक्ष या विपक्ष में तीन तर्क दीजिए।
उत्तर- कस्टम अधिकारी का यह कथन बिल्कुल ठीक है। यदि लाहौर का कस्टम अधिकारी दिल्ली को अपना वतन मानेगा तो वह कभी दिल्ली की हानि नहीं होने देगा। वह कभी दिल्लीवासियों के साथ भेदभाव नहीं रखेगा बल्कि उन्हें अपना मानकर उनसे प्रेम रखेगा। ऐसी स्थिति में भारत-पाकिस्तान के बीच घृणा कम होगी और रिश्ते मजबूत होंगे।
प्रश्न 4. 'नमक' कहानी में' नमक' किस बात का प्रतीक है? इस कहानी में 'वतन' शब्द का भाव किस प्रकार दोनों तरफ के लोगों को भावुक करता है ?
उत्तर—'नमक' कहानी में 'नमक' भारत और पाकिस्तान के विभाजन के बाद इन अलग-अलग देशों में रह रहे लोगों के परस्पर प्यार का प्रतीक है जो विस्थापित और पुनर्वासित होकर भी एक-दूसरे के दिलों से जुड़े हैं। इस कहानी में 'वतन' शब्द का भाव एक-दूसरे को याद करके अतीत की मधुर यादों में खो देने का भाव उत्पन्न करके दोनों तरफ के लोगों को भावुक कर देता है। दोनों देशों के राजनीतिक संबंध अच्छे-बुरे जैसे भी हों, इससे उनका कुछ लेना-देना नहीं होता।
प्रश्न 5. 'नमक' कहानी में क्या संदेश छिपा हुआ है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर—'नमक' कहानी में छिपा संदेश यह है कि मानचित्र पर एक लकीर मात्र खींच देने से वहाँ रहने वाले लोगों के दिल नहीं बँट जाते। जमीन बँटने से लोगों के आवागमन पर प्रतिबंध और पाबंदियाँ लग जाती हैं। परंतु लोगों का लगाव अपने मूल स्थान से बना रहता है। पाकिस्तानी कस्टम अधिकारी द्वारा दिल्ली को तथा भारतीय कस्टम अधिकारी द्वारा ढाका को अपना वतन मानना इसका प्रमाण है।
प्रश्न 6. " नमक कहानी भारत-पाक विभाजन के बावजूद मानवीय भावनाओं की समानता की कथा है।" टिप्पणी कीजिए।
'उत्तर' नमक' कहानी में दिखाया गया है कि भारत-पाक विभाजन के कारण लोग दो देशों में बंट गए हैं किन्तु उनमें अपनी-अपनी जन्मभूमि के प्रति अब भी प्रेम है। यहाँ तक कि वे दूसरे देश को भी अपना ही बिछुड़ा हुआ परिवार मानते हैं। यह स्थिति विभाजित भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश तीनों जगह बनी हुई है।
प्रश्न 7. 'नमक' कहानी में नमक की पुड़िया इतनी महत्वपूर्ण क्यों हो गई है ? कस्टम अधिकारी उसे लौटाते हुए भावुक क्यों हो उठा ?
उत्तर- 'नमक' कहानी में नमक की पुड़िया मानवीय भाईचारे और प्रेम की प्रतीक बन गई। कस्टम अधिकारी को नमक की पुड़िया देखकर अपने वतन की याद आ गई। अतः वह भावुक हो उठा।
प्रश्न 8. भारत-पाक के वर्तमान संबंधों को देखते हुए 'नमक' कहानी के संदेश की समीक्षा कीजिए।
उत्तर - वर्तमान में भारत-पाक के संबंध शत्रुतापूर्ण है। दोनों एक-दूसरे को चित्त करने के लिए घात लगाकर बैठे हैं। ऐसे में न तो सफ़िया जैसे लोगों का प्रभाव है, न कस्टम अधिकारियों की चल रही है। चल रही है के कट्टरपंथी भाई जैसे लोगों की जो अलगाव, शत्रुता और घृणा के बीज बो रहे हैं। जब तक यह विष बेल बढ़ती रहेगी, कुछ भी ठीक नहीं हो पाएगा। यदि दोनों देशों को मित्र की तरह रहना है तो उदारवादी लोगों को सत्ता के केन्द्र में लाना पड़ेगा।
प्रश्न 9. सफ़िया के लिए नमक इतना महत्वपूर्ण क्यों था ? नमक लाने में किन-किन का सहयोग मिला ?
उत्तर- सफ़िया के लिए नमक प्यार भरा तोहफा था, प्रेम का उपहार था। अमृतसर से सिख बीबी ने उससे लाहौरी नमक मँगवाया था। पाकिस्तान से भारत में नमक लाना गैरकानूनी था किन्तु पाकिस्तानी कस्टम अधिकारी और भारतीय कस्टम अधिकारी सुनीलदास गुप्त ने लेखिका को यह उपहार बड़े प्रेम पूर्वक ले जाने दिया।
प्रश्न 10. 'नमक' कहानी की मूल संवेदना पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
अथवा
'नमक' कहानी में क्या संदेश छिपा हुआ है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- भारत और पाकिस्तान लगभग पिछले साठ वर्ष से सत्तालोलुप राजनेताओं और मजहबी कट्टरपंथी धार्मिकों के दुराग्रह के कारण संघर्ष ही करते रहे हैं। यह कहानी यह बताती है कि यह विभाजन या यह दुश्मनी सामान्य जनता के हृदय में नहीं है। यह कटु सत्य है, कि सामान्य जनता धर्म या क्षेत्र के आधार पर विभाजन या संघर्ष को हृदय के स्तर पर स्वीकार नहीं करती है। सभी तो भारत की सिख बीबी लाहौर का नमक ही सौगात में चाहतो है। पाकिस्तानी कस्टम अधिकारी दिल्ली को अपना वतन बताता है और जामा मस्जिद की सीढ़ियों को सलाम कहता है और भारतीय खातून को संदेश भेजता है-"लाहौर अभी तक उनका वतन है और देहली मेरा, तो बाकी सब रफ्ता-रफ्ता ठीक हो जाएगा।" भारतीय कस्टम अधिकारी सुनीलदास गुप्त ढाका को वतन मानते हुए वहाँ के नारियल को कोलकाता के नारियल से बेहतर मानता है। वह ढाका को आज भी अपनी जमीन मानता है। वह कहता है कि "हमारी जमीन, हमारे पानी का मजा ही कुछ और है।" इन बातों से स्पष्ट है कि दोनों देशों जनता के दिल में कोई भेद नहीं है।