हिन्दी व्याकरण प्रश्न उत्तर भाग 03
हिन्दी व्याकरण प्रश्न उत्तर भाग 03
प्रश्न 1. अर्थ के आधार पर क्रिया-विशेषण के कितने भेद हैं लिखो?
उत्तर- (1) परिणामबोधक (2)
रीतिबोधक
प्रश्न 2. परिणामबोधक क्रिया विशेषण के कितने उपभेदों में बाँटा गया हैं?
उत्तर- परिणामबोधक क्रिया
विशेषण को निम्नलिखित पाँच
उपभेदों में बाँटा गया
- अधिकताबोधक,
- न्यूनताबोधक,
- पर्याप्तिवाचक,
- तुलनावाचक
एवं
- श्रेणीवाचक
प्रश्न 3. 'वह रात - दिन
पढ़ता रहता है, इस वाक्य में किस प्रकार का क्रिया-विशेषण हैं?
उत्तर- 'वह रात-दिन पढ़ता रहता है इस वाक्य में संयुक्त क्रिया-विशेषण है।
प्रश्न 4. दीर्घ स्वर सन्धि किसे कहते हैं?
उत्तर- ह्रस्व या दीर्घ, दो स्वरों के
मिलने पर उनका रूप 'दीर्घ' हो जाता है। इसे ही 'दीर्घ सन्धि' कहते हैं।
उदा.-
अ + अ = आ
इ + इ = ई
कल्प + अन्त = कल्पान्त
प्रश्न 5. गुण स्वर सन्धि किसे कहते हैं?
उत्तर- अ या आ (सजातीय स्वर) के बाद यदि अन्य सजातीय स्वर (इ, ई, या उ, ऊ) ऋण जुड़ता है तो ए, और अर्थ हो जाता है। वहाँ गुण स्वर सन्धि होती है।
उदा.
सुर + इन्द्र = सुरेन्द्र (अ + इ = ए)
देव + ईश = देवेश (अ + ई = ए)
प्रश्न 6. वृद्धि स्वर सन्धि को उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर- 'अ' या 'आ' के बाद 'ए' या 'ऐ' हो, तो दोनों मिलकर 'ऐ' और 'ओ' या 'औ' रहे तो दोनों
मिलकर 'औ' हो जाता है।
स्वर वर्ण के इस विकार को वृद्धि स्वर सन्धि कहते हैं।
उदा.-
अ + ओ = औ = दंत + ओष्ठ = दंतौष्ठ
अ + औ = औ = परम + औषध = परमौषध
अ + ए = ऐ = एक + एक = एकैक
अ + ऐ = ऐ = मत + ऐक्य = मतैक्य
प्रश्न 7. यण सन्धि के नियम लिखो।
उत्तर-
(क) यदि इ/ई के बाद कोई भिन्न स्वर आए तो इ/ई का य हो जाता है।
(ख) यदि उ/ऊ के बाद कोई भिन्न स्वर आए तो उ/ ऊ का व हो जाता है।
(ग) यदि ऋ के बाद कोई भिन्न स्वर आए तो ऋ का र हो जाता है।
उदा.
- इ
+ अ = यू = अति + अधिक = अत्यधिक
- इ
+ आ = या = अति + आचार = अत्याचार
- ई
+ आ = य = नदी + अर्पण = नद्यर्पण
- ई
+ आ = या = सखी + आगमन = सख्यागमन
प्रश्न 8. अयादि स्वर सन्धि के चार उदाहरण दो?
उत्तर
- ए
+ अ = अय= ने + अन = नयन
- ओ
+ अ = आव् = भो + अन = भवन
- औ
+ अ = आव् + अन = पावन
- पौ
औ+ अ = अव् = पो + अन = पवन
प्रश्न 9. वचन के प्रकार को समझाइए ?
उत्तर- वचन के दो प्रकार होते हैं।
(1) एक वचन- जिस शब्द से एक व्यक्त या वस्तु का बोध होता है उसे 'एकवचन' कहते हैं; जैसे- लड़का, पुस्तक।
(1) बहुवचन- जिस शब्द से दो या दो से अधिक व्यक्ति या वस्तु का बोध
होता हो, उसे 'बहुवचन' कहते हैं; जैसे- लड़के, पुस्तकें।
प्रश्न 10. जल का समानार्थी शब्द लिखकर वाक्य में प्रयोग करो?
उत्तर- जल- नीर, पानी, अम्बु
(1) कवियों ने नीर के ऊपर अनेक कविताएँ लिखी हैं।
(2) प्यासे के लिए पानी अमृत के समान है।
(3) जीवन में यदि अम्बु का अस्तित्व समाप्त हो जाये, तो मानव जीवन समाप्त हो जायेगा।
प्रश्न 11. पर्यायवाची शब्द किसे कहते हैं? इसके कितने प्रकार होते हैं?
उत्तर- ऐसे शब्द जिनके अर्थ में समानता हो पर्यायवाची कहलाते हैं और
प्रत्येक शब्द का महत्व विषय और स्थान के अनुसार होता है। पर्यायवाची शब्द मुख्य
रूप से तीन प्रकार के होते हैं
(1) पूर्ण पर्याय (2) पूर्णापूर्ण पर्याय (3) अपूर्ण
प्रश्न 12. 'वह मेरे घर आया था' वाक्य में संज्ञा, सर्वनाम पहचानकर लिखिए।
उत्तर- इस वाक्य में 'वह' सर्वनाम है और 'घर' संज्ञा है।
प्रश्न 13. आशय या अर्थ लेखन किसे कहते हैं?
उत्तर- मूलभावों को अपनी भाषा में उपस्थित करने की विधि को आशय या
अर्थ लेखन कहते हैं।
प्रश्न 14. निम्नलिखित शब्दों के संधि विच्छेद
कीजिए: महेन्द्र, उल्लास, यशोदा
उत्तर-
- महा
+ इन्द्र = महेन्द्र
- उत्
+ लास = उल्लास
- यश:
+ दा = यशोदा
प्रश्न 15. निम्नलिखित शब्द- युग्मों का अर्थ बताते हुए वाक्यों में
प्रयोग के द्वारा उनका अन्तर स्पष्ट कीजिये
अंश- अंस,
नीरज- नीरद,
लक्ष-लक्ष्य
उत्तर-
अंश (हिस्सा)- इस सम्पत्ति में चारों भाइयों का समान अंश था।
अंस (कंधा)- अंसो पर भार ढोए कुली देखे जाते हैं
नीरज (कमल) नीरज और जलद का
एक ही अर्थ है- कमल
नीरद ( बादल)- नीरद, वारिद, जलद सबका अर्थ है। बादल
लक्ष (लाख)- राणा ने दो लक्ष मुद्राएँ कवि को पुरस्कार में दी।
लक्ष्य (निशाना)- धनुर्धारी ने ठीक लक्ष्य पर बाण मारा
प्रश्न 16. अलंकार किसे कहते हैं?
उत्तर- वाणी को आकर्षक और प्रभावी बनाने वाले तत्वों को अलंकार
कहते हैं।
प्रश्न 17. छन्द की परिभाषा दीजिए।
उत्तर- जिस रचना में वर्ण, मात्रा, यति (विराम) गति
(लय), तुक और चरणान्त में समानता के नियम पाये जाते हैं, उसे छन्द कहते हैं।
प्रश्न 18. विराम चिन्ह का महत्व समझाइये।
उत्तर- हिन्दी की व्याकरण में 'विराम चिन्ह अपना महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। हम विराम - चिन्हों के
द्वारा ही वाक्यों को सही ढंग से बोलने, पढ़ने एवं
उनके पूर्ण अर्थ को समझने में सहायता मिलती हैं।
विराम चिन्ह अर्थ-
निर्देशक के रूप में कार्य करते है। किसी वाक्य के पश्चात् आशय की
स्पष्टता को प्रकट करने हेतु रूकना पड़ता है। इस प्रकार से रूकने की जो क्रिया को
ही हम 'विराम' की संज्ञा देते हैं।
प्रश्न 19. टिप्पण और टिप्पणी में क्या अन्तर हैं?
उत्तर- टिप्पण- जब लेखन की कला, में टिप्पणी
(अभ्युक्ति) के लेखन की जो कला, कार्य अथवा प्रक्रिया
को हम टिप्पण कह सकते हैं।
टिप्पणी - जब लेखन की कला में अभियुक्ति (Re- mark), किसी भी जो विचाराधीन लेखन या पत्र के निस्तारण के लिए लिखा जाए, तो हम उसे टिप्पणी कहते हैं।
उदाहरण- टिप्पण को हम अंगेजी में अनुवाद करेंगे तो Noting शब्द बनता है, जिसका मतलब होता हैं, टिप्पण लिखने
का होता है। एवं टिप्पणी (Note) का मतलब आख्या या
विवरण होता हैं।
प्रश्न 20. प्रारूप लेखन से क्या आशय है?
उत्तर- किसी भी शासकीय या गैर शासकीय संस्थाओं प्राप्त पत्रों के
उत्तर एवं शासकीय नीति निर्धारण ज्ञापनों में परिपत्रों से सम्बन्धित टिप्पणी की
कार्यवाही के बाद आदेश को कर्मचारियों के द्वारा तैयार आलेख को प्रारूप लेखन कहते
हैं।
जैसे- (अ) शासकीय पत्र (ब) सम्पादक के नाम पत्र
प्रश्न 21. विज्ञापन किसे कहते हैं?
उत्तर- जब समाचार पत्रों में किसी विषय से सम्बन्धित एक शीर्षक को
लेकर (प्रचार-प्रसार) के अन्तर्गत प्रकाशित किया जाता हैं, तो उसे विज्ञापन कहते हैं।
प्रश्न 22. भाषा' और 'लिपि' में क्या अन्तर हैं?
'लिपि' हम किसी भी रूप में जब वर्ण को
लिखते हैं तो उसे 'लिपि' कहते है, हमारी हिन्दी-भाषा की जो 'लिपि' है। वह 'देवनागरी' लिपि है ध्वनियों को लिखित रूप में प्रकट करने की एक कला हैं एवं
माध्यम भी यही लिपि हैं।
प्रश्न 23. 'वर्ण' से क्या तात्पर्य
हैं?
उत्तर- भाषा की सूक्ष्म इकाई को वर्ण कहते है, ये ध्वनियों के लिखित रूप में होते हैं। हम वर्ण को विभक्त नहीं कर
सकते हैं।
प्रश्न 24. पुरुषवाचक सर्वनाम के कितने भेद हैं? नाम लिखिए।
उत्तर- पुरुषवाचक सर्वनाम के कितने तीन भेद है,
(अ) उत्तमपुरुष- हम, मैं
(ब) मध्यमपुरुष- तुम, तू
(स) अन्यपुरुष- वे, वह ये
प्रश्न 25. पुरुषवाचक सर्वनाम को समझाइये।
उत्तर- पुरुषवाचक सर्वनाम ये किसी स्त्री या पुरुष के नाम के बदले
में लिखे या बोले जाते हैं, इसके तीन भेदों में उत्तमपुरुष
में हम लेखक या वक्ता को ले सकते हैं, मध्यमपुरुष
में श्रोता या पाठक को एवं अन्य पुरुष के लिए लेखक और श्रोता को छोड़ अन्य लोग आते
हैं।
प्रश्न 26. 'कुर्सी पर
बच्चा बैठा हैं।' इस वाक्य में कारक पहचानकर लिखिए।
उत्तर- 'कुर्सी' पर बच्चा बैठा है, में अधिकरणकारक हैं।
प्रथम वाक्य में बैठने का आधार 'कुर्सी' है। इसलिए 'कुर्सी' में अधिकरण कारक हैं।
प्रश्न 27. अधिकरण कारक की परिभाषा उदाहरण सहित कीजिए?
उत्तर- जो संज्ञा अथवा सर्वनाम अपने ही शब्द किसी क्रिया का आधार हो, वह पूर्णतः एक 'अधिकरणकारक कहलाता है।
उदाहरण- जैसे- चिड़िया पिंजरे में बैठी है ।
प्रश्न 28. वृक्ष से आम गिरते हैं इस वाक्य में कारक पहचानकर लिखिए।
उत्तर- 'वृक्ष से आम
गिरते हैं। में अपादानकारक हैं। इस वाक्य में वृक्ष से आम के अलग होने का बोध होता
है। अतः वृक्ष से अपादानकारक हुआ।
प्रश्न 29. 'यह छाया की
गुड़िया हैं।' इस वाक्य में कारक पहचानकर
लिखिए।
उत्तर- 'यह छाया की
गुड़िया है।' में सम्बन्धकारक हैं। यहाँ छाया
का और गुड़िया शब्द में सम्बन्धकारक है।
प्रश्न 30. 'सम्बन्धकारक' को उदाहरण सहित समझाइए ?
उत्तर- किसी वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम का बोध या सम्बन्ध किसी
दूसरी वस्तु से ज्ञात हो। उसे 'सम्बन्धकारक' कहते हैं।
उदाहरण- जैसे- यह उनका दुकान हैं।
प्रश्न 31. स्वर और व्यंजन में अन्तर बताइये ?
उत्तर-
स्वर- जिन वर्णों के सभी उच्चारणों में फेफड़ों की वायु, बिना रूके मुख से निकल जाए, उन्हें स्वर
कहते हैं। उदाहरण- जैसे- इ, उ आदि।
व्यंजन- जिन वर्णों का उच्चारण अकेले न किया जाकर स्वर की सहायता से
किया जाता है, उन्हें हम व्यंजन कहते हैं। उदाहरण- जैसे- क, ख आदि
प्रश्न 32. भाषारूपी शरीर में मुख्य तीन अंग कौन कौन से हैं?
उत्तर- भाषारूपी शरीर में प्रमुख तीन निम्नलिखित हैं (1) अक्षर
(वर्ण) (2) शब्द ( 3) वाक्य।
प्रश्न 33. ध्वनि किसे कहते हैं?
उत्तर- जब हम उच्चारण करते हैं, उस समय जो
स्वर निकलकर हमें सुनायी पड़ता है, उसे 'ध्वनि' कहते हैं।
प्रश्न 34. स्वर के भेद कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर- स्वर के भेद तीन प्रकार के होते है, जैसे (1) उपभेद हस्व (एकमात्रिक) (2) दीर्घ (द्विमात्रिक) (3) प्लुत
(त्रिमात्रिक)
प्रश्न 35. संक्षेपण के किन्हीं तीन महत्वपूर्ण बिन्दुओं का उल्लेख
कीजिए।
उत्तर- संक्षेपण के तीन महत्वपूर्ण बिन्दु
निम्नलिखित
(1) अर्थ (meaning (2) भाषा ( language) (3) आकार अथवा लम्बाई
(length)
प्रश्न 36. एक उत्कृष्ट संक्षेपक/सार-लेखक के प्रमुख गुण बताइए।
प्रश्न 37. संक्षेपण/सार
लेखन और सारांश-लेखन में अन्तर बताइए।
उत्तर- संक्षेपण के लिए यह आवश्यक है कि अवतरण के महत्वपूर्ण तथ्य को
ही एक तारतम्य में जोड़कर रखा जाए, किन्तु सारांश
में कभी-भी तारतम्य की आवश्यकता नहीं
पड़ती हैं।
प्रश्न 38. द्विगु और कर्मधारय समास में अन्तर लिखिये।
उत्तर-
द्विगु समास- द्विगु समास में प्रथम पद संख्यावाचक होता है, एवं दूसरा व अन्तिम पद संज्ञा होता है।
जैसे- त्रिफला- तीन फलों का समाहार
कर्मधारय समास- जिस समास में प्रथम पूर्वपद 'विशेषण' और अन्तिम पद 'विशेष्य' (सर्वनाम, एवं संज्ञा) होता है, उसे कर्मधारय समास कहते हैं। कर्मधारय समास में पूर्वपद (प्रथमपद)
तथा उत्तरपद (अन्तिम पद) में उपमेय- उपमान का सम्बन्ध भी हो सकता है।
मृगलोचक- मृग के सदृश लोचन।