स्वर तंत्रियों एवं प्राणतत्व के आधार पर व्यंजन ध्वनियाँ के दो प्रमुख भेद | Hindi Sound consonant

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स्वर तंत्रियों एवं प्राणतत्व के  आधार पर व्यंजन ध्वनियाँ के दो प्रमुख भेद | Hindi Sound consonant


स्वर तंत्रियों के आधार पर इस आधार पर व्यंजन ध्वनियाँ के दो प्रमुख भेद हैं - 

1. घोष - 

  • ये वे ध्वनियाँ हैं जिनके उच्चारण में स्वरतंत्रियों के निकट आ जाने से उसके बीच निकलती हवा से उसमें कम्पन होता है। हिन्दी में कवर्ग सहित पाँच वर्गों की अन्तिम तीन ध्वनियाँ ग्ङ्ज्झूल् आदि तथा य्र्ल्व्ह्ड्ढ् आदि घोष हैं।

 

2. अघोष - 

अघोष ध्वनियों के उच्चारण में स्वर तंत्रियों में कम्पन नहीं होता। हिन्दी में पाँचों वर्ग की प्रथम दो ध्वनियाँ (क्च्छ्टूठूपूफ् आदि) तथा स्श् अघोष हैं।

 

(घ) प्राणतत्व के आधार पर 

प्राण का अर्थ हैउच्चारण में लगने वाली हवा या हवा की शक्ति। जिन व्यंजनों के उच्चारण में हवा की अधिकता या श्वास-बल अधिक होउन्हें 'महाप्राणऔर जिनमें कम हो उसे 'अल्पप्राणकहते हैं। प्राणतत्व के आधार पर हिन्दी में व्यंजन ध्वनियाँ इस प्रकार हैं -

 

अल्पप्राण -, ', ड़ 

महाप्राण -ढ़,

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