स्पीति में बारिश महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर | 11th Hindi Spiti men Barish Question Answer

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  स्पीति में बारिश महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर

स्पीति में बारिश महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर | 11th Hindi Spiti men Barish Question Answer

 

स्पीति में बारिश महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर

प्रश्न 1. इतिहास में स्पीति का वर्णन नहीं मिलता। क्यों ? 

  • उत्तर-स्पीति की भौगोलिक स्थिति विचित्र है। यहाँ आवागमन के साधन नहीं हैं। यह पर्वत श्रेणियों से घिरा हुआ है। साल में आठ-नौ महीने बर्फ रहती है तथा यह क्षेत्र शेष संसार से कटा रहता है। इन दुर्गम रास्तों को लाँधने का साहस किसी राजा या शासक ने नहीं किया। यहाँ की आबादी बेहद कम है तथा जनसंचार के साधन का अभाव है। मानवीय गतिविधियों के कारण यहाँ इतिहास नहीं बना। इसका जिक्र सिर्फ राज्यों के साथ जुड़े रहने पर ही आता है। यह क्षेत्र प्रायः स्वायत्त ही रहा है।

 

प्रश्न 2. स्पीति के लोग जीवनयापन के लिए किन कठिनाइयों का सामना करते हैं ?

उत्तर-स्पीति के लोग जीवनयापन के लिए विभिन्न प्रकार की कठिनाइयों का सामना करते हैं; जैसे-

 

1. संचार व आवागमन के उचित साधनों के अभाव में अन्य जगहों से कटे हुए हैं। 

2. यहाँ मानसून नहीं पहुँच पाता, इसलिए पर्याप्त वर्षा नहीं हो पाती है, जिससे वहाँ न तो हरियाली है और न ही पेड़ हैं। 

3. फसल भी बहुत सीमित होती है, वर्ष में एक बार और वह भी केवल जी, गेहूँ, मटर और सरसों की। 

4. घर को गर्म रखने के लिए लकड़ी तक नहीं मिलती। 

5. वहाँ सदर्दी इतनी अधिक होती है कि मनुष्य का जीवन जीना अत्यधिक कठिन हो जाता है। 

6. वहाँ की चोटियाँ 14,000 से 21,000 फीट तक ऊँची और दुर्गम हैं। 

7. स्पीति में अधिकांश समय बर्फ जमी होने के कारण लोगों को घरों में ही दुबककर रहना पड़ता है।

 

प्रश्न 3. लेखक 'माने' श्रेणी का नाम बौद्धों के 'माने' मंत्र के नाम पर करने के पक्ष में क्यों है ? 

उत्तर-स्पीति में बौद्ध धर्म का प्रभाव बहुत अधिक दिखाई पड़ता है। इस स्थान पर इस मंत्र का जाप बहुत अधिक हुआ है। यह मंत्र है- "ओं मणि पद्मे हुं"। इसलिए लेखक इस बात के पक्ष में है कि माने श्रेणी का नाम माने मंत्रों के नाम से ही होना चाहिए।

 

प्रश्न 4. "ये माने की चोटियाँ बूढ़े लामाओं के जाप से उदास हो गई है" इस पक्ति के माध्यम से लेखक ने युवा वर्ग से क्या आग्रह किया है ? 

उत्तर- लेखक ने बताया है कि माने पर्वत श्रेणियाँ बूढ़े लामाओं के जाप से उदास हो गई हैं, क्योंकि उनके जाप से यहाँ का वातावरण बोझिल व नीरस हो गया है। लेखक पहाड़ों व मैदानों से युवक-युवतियों को बुलाना चाहता है ताकि वे यहाँ आकर क्रीड़ा-कौतुक करें, प्रेम के खेल खेलें, जिससे यहाँ के वातावरण में ताजगी व उत्साह का संचार हो। चोटियों पर चढ़ने से जीवन अंगड़ाई लेने लगेगा। युवाओं के अट्टहास से चोटियों पर जमा आर्तनाद पिघलेगा।

 

प्रश्न 5. "वर्षा यहाँ एक घटना है, एक सुखद संयोग है।" लेखक ने ऐसा क्यों कहा है ? 

उत्तर- लेखक बताता है कि स्पीति में वर्षा बहुत कम होती है। इस कारण वर्षा ऋतु मन की साध पूरी नहीं करती। वर्षा के बिना यहाँ की धरती सूखी, ठंडी व बंजर होती है। जब कभी यहाँ वर्षा हो जाती है तो लोग इसे अपना सुखद सौभाग्य मानते हैं। वर्षा के दिन को वे सुख का संकेत मानते हैं। लेखक के आने के बाद यहाँ वर्षा हुई। लोगों ने उसे बताया कि वर्षा होने के कारण आपकी यात्रा सुखद होगी।

 

प्रश्न 6. स्पीति अन्य पर्वतीय स्थलों से किस प्रकार भिन्न है ? 

उत्तर-स्पीति की पहाड़ियाँ कश्मीर, शिमला, कुल्लू-मनाली जैसे पर्वतीय पर्यटन स्थलों से भिन्न हैं। 

यह भिन्नता अनेक प्रकार की है। जैसे- 

1. स्पीति के पहाड़ों की ऊँचाई अन्य पर्वतों की अपेक्षा बहुत ज्यादा और दुर्गम है। इसकी ऊँचाई 13,000 से 21,000 फीट तक है। 

2. यहाँ के पर्वत शुष्क हैं। यहाँ न तो वर्षा होती है, न हरियाली है, न पेड़ हैं। यहाँ बर्फ जमी रहती है। अन्य पर्वतीय प्रदेश हरे-भरे, वृक्षों से आच्छादित हैं। वहाँ वर्षा भी खूब होती है। 

3. स्पीति में फसलें बहुत कम होती हैं। वर्ष में एक बार फसल होती है। फसलों के नाम पर गेहूँ, बावरा, मटर, सरसों होती है। फल नहीं उगते। अन्य पहाड़ों पर अनेक फसलें, सब्जियाँ तथा फल उगते हैं। 

4. स्पीति में प्रति वर्ग किलोमीटर केवल चार व्यक्ति ही पाए जाते हैं। पर्यटकों का बहुत अधिक आवागमन नहीं होता है, जबकि अन्य पर्वतीय स्थलों पर जनसंख्या का घनत्व यहाँ से बहुत ज्यादा है। वर्ष भर पर्यटकों के आवागमन से वहाँ चहल-पहल बनी रहती है।

 

5. यहाँ केवल दो ऋतुएँ होती हैं- शीत और वसंत। वसंत तीन या चार मास के लिए आता है, वह भी फूलों एवं हरियाली से युक्त नहीं होता है, बल्कि सूना होता है। दूसरी ओर अन्य पर्वतों पर ऋतुओं का सौंदर्य देखते ही बनता है।

 

6. स्पीति में परिवहन और संचार के साधन नहीं हैं। आधुनिक तकनीकी प्रगति के बावजूद यहाँ बिजली, सड़क और टेलीफोन जैसी सुविधाएँ नही हैं। जबकि अन्य पहाड़ी क्षेत्रों में सभी प्रकार की आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध रहती हैं।

 

स्पीति में बारिश प्रश्न उत्तर पाठ के आस-पास 

प्रश्न 1. स्पीति में बारिश का वर्णन एक अलग तरीके से किया गया है। आप अपने यहाँ होने वाली बारिश का वर्णन कीजिए। 

  • उत्तर- हमारे यहाँ वर्षा का मौसम बहुत सुहावना होता है। गर्मियों की वर्षा का तो कहना हो क्या ! जब धरती लू बरसा रही होती है तो वर्षा की रिमझिम बूँदें स्वर्ग-सा सुख प्रदान करती हैं। मैदानी इलाकों में सबसे सुहावनी ऋतु वर्षा ऋतु ही होती है। चारों तरफ पानी ही पानी बरसता है। सड़कों, गलियों में पानी भर जाता है। मूसलाधार वर्षा में नहाते बच्चे खूब आनंद-विनोद करते हैं। वर्षा ऋतु में चारों ओर हरियाली ही दिखाई देती है।

 

प्रश्न 2. स्पीति के लोगों और मैदानी भागों में रहने वाले लोगों के जीवन की तुलना कीजिए। किनका जीवन आपको ज्यादा अच्छा लगता है और क्यों ?

 

  • उत्तर-स्पीति के लोगों का जीवन मैदानी भागों के निवासियों की तुलना में बेहद कष्टदायक है। मैदानी क्षेत्रों में जलवायु कठोर नहीं है। यहाँ छह ऋतुएँ होती हैं। स्पीति में सर्दी व वसंत दो ही ऋतुएँ होती हैं। सर्दी में सब कुछ जम जाता है। वर्षा नहीं होती। 

  • मैदानों में रोजगार, कृषि, खाद्य सामग्री व संचार के साधनों की कमी नहीं है। व्यक्ति के पास सुख के साधनों की कमी नहीं है, जबकि स्पीति में ऐसा कुछ नहीं है। वहाँ जीवन-निर्वाह भी कठिनता से होता है। अत: मैदानी भागों में रहने वाले का जीवन ज्यादा सुखी व अच्छा है। यहाँ जीवन को गति नियमित रूप से चलती है।

 

प्रश्न 4. लेखक ने स्पीति की यात्रा लगभग तीस वर्ष पहले की थी। इन तीस वर्षों में क्या स्पीति में कुछ परिवर्तन आया है ? जानें, सोचें और लिखें। 

  • उत्तर- लेखक ने स्पीति की यात्रा लगभग 30 वर्ष पहले की थी, परंतु आज वहाँ कुछ परिवर्तन आया है। अब वहाँ संचार, यातायात व रोजगार के साधन कुछ विकसित हुए हैं, परंतु प्राकृतिक दशाएँ वैसी ही हैं। अत: अधिक परिवर्तन की वहाँ गुंजाइश नहीं है।

 

स्पीति में बारिश महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर : भाषा की बात 

प्रश्न 1. पाठ में से दिए गए अनुच्छेद में क्योंकि, और, बल्कि, जैसे ही, वैसे ही, मानो, ऐसे, शब्दों का प्रयोग करते हुए उसे दोबारा लिखिए- 

लैंप की लौ तेज की। खिड़की का एक पल्ला खोला तो तेज हवा का झोंका मुँह और हाथ को जैसे छीलने लगा। मैंने पल्ला भिड़ा दिया। उसकी आड़ से देखने लगा। देखा कि बारिश हो रही थी। मैं उसे देख नहीं रहा था। सुन रहा था। अँधेरा, ठंड और हवा का झोंका आ रहा था। जैसे बरफ़ का अंश लिए तुषार जैसी बूँदें पड़ रही थीं

 

  • उत्तर- लैंप की लौ तेज की। जैसे ही खिड़की का एक पल्ला खोला वैसे ही तेज हवा का झोंका मुँह और हाथ को जैसे छीलने लगा। मैंने पल्ला भिड़ा दिया और उसकी आड़ से देखने लगा। मैं उसे देख नहीं रहा था बल्कि सुन रहा था। अंधेरा, ठंड और हवा का झोंका ऐसे आ रहा था मानो बर्फ का अंश लिए तुषार जैसी बूँदें पड़ रही थीं।

 

स्पीति में बारिश अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर 

प्रश्न 1. स्पीति किस-किस राज्य के अधीन रहा ? 

  • उत्तर-स्पीति कश्मीर के राजा गुलाब सिंह के अधीन थी। 1846 में स्पीति ब्रिटिश शासन में आ गया। एक साल बाद 1847 में स्पीति को कांगड़ा जिला में शामिल कर लिया गया। आजादी मिलने के बाद 1960 में यह पंजाब का एक अलग लाहुल स्पीति नामक जिला बना। उसके छ: वर्ष बाद हिमाचल प्रदेश का गठन हुआ। तब इसे हिमाचल प्रदेश में सम्मिलित कर लिया गया।

 

प्रश्न 2. आधुनिक युग में भी स्पीति के बादशाह वायरलेस सेट का उपयोग क्यों करते हैं ? 

उत्तर- स्पीति के पहाड़ अत्यंत दुर्गम हैं। यहाँ आठ-नौ महीने बर्फ जमी रहती है। यहाँ की आबादी भी बहुत कम है। रहने की स्थितियाँ बहुत कठिन हैं। इसलिए संचार और परिवहन के साधनों का एकदम अभाव है। टेलीफोन या बिजली की तारें नहीं हैं। अतः केवल वायरलेस सेट से ही बादशाह और सूबेदार की बातें हो पाती हैं।

 

प्रश्न 3. केलंग का बादशाह काजा के सूबेदार से क्यों डरता है ? 

उत्तर-केलंग और काजा स्पीति के क्षेत्र हैं। केलंग के बादशाह के पास काजा के सूबेदार की स्थिति पर निगरानी रखने के लिए न तो संचार के साधन हैं, न परिवहन हैं। वहाँ न सड़कें हैं, न बिजली, न टेलीफोन । केवल वायरलेस सेट से ही उनकी बात हो पाती है। केलंग और काजा के बीच 170 मील की दुर्गम दूरी है। उसे पार करने में महीनों लग जाते हैं। अतः केलंग के बादशाह को डर बना रहता है कि कहीं काजा का सूबेदार विद्रोह न कर दे।

 

प्रश्न 4. स्पीति में कौन-कौन सी फसलें होती हैं और अधिक फसलें कैसे उगाई जा सकती हैं ? 

उत्तर-स्पीति में गेहूँ, बाजरा, मटर और सरसों की खेती होती है। यहाँ की मुख्य समस्या है - जल स्रोत का न होना। यहाँ वर्षा का जल तो नहीं होता, परंतु यदि किसी अन्य साधन से जल पहुँचाया जा सके तो और अधिक फसल उगाई जा सकती है।

 

प्रश्न 5. "स्पीति का भूगोल इतना प्रभावशाली है कि इतिहास अनजान रह गया।" इस कथन के पक्ष में तर्क दीजिए। 

उत्तर-

  • स्पीति का भूगोल अलंघ्य है। दुर्गम ऊँचे-ऊँचे पहाड़ एवं कठिन रास्तों ने स्पीति को ऐसे दुर्ग में कैद कर लिया है कि कोई भी राजा, सम्राट या लुटेरा वहाँ तक नहीं पहुँच पाया है। परिणामस्वरूप स्पीति का नाम इतिहास में कहीं भी दर्ज नहीं हो सका। प्राचीन काल से ही स्पीति भारतीय साम्राज्यों का अनाम अंग रही है। साम्राज्य टूटे तो वह स्वतंत्र रही। फिर मध्य युग में प्राय: लद्दाख मंडल, कश्मीर मंडल, कभी बुशहर मंडल और कभी ब्रिटिश भारत के अधीन रही पर तब भी स्पीति प्रायः स्वायत्त ही रही है। इसकी स्वायत्तता भूगोल से सिरजी है। भूगोल इसका रक्षक और संहारक दोनों है।

 

प्रश्न 6. स्पीति के जन-जीवन में प्रसन्नता लाने के क्या उपाय हो सकते हैं ? 

  • उत्तर-स्पीति अत्यंत दुर्गम क्षेत्र है। यहाँ पर्यटक भी नहीं आते। यहाँ के निवासी भी पूर्व लामा हैं। यहाँ जोखिम भरे खेलों को बढ़ावा दिया जाए, साहसी नवयुवकों को आमंत्रित किया जाए। वे खेल-कूद और क्रीड़ा-कौतुक करें तो यहाँ के जन-जीवन में प्रसन्नता का संचार हो सकता है। 


प्रश्न 7. स्पीति के लोग किसी आक्रमणकारी से अपनी सुरक्षा कैसे करते हैं ? 

  • उत्तर-स्पीति के लोग किसी आक्रमणकारी से अपनी सुरक्षा करने के लिए अप्रतिकार का का अपनाते हैं। वे उससे लड़ने के लिए इकट्ठे नहीं होते। बल्कि वे चाँग्मा का तना पकड़कर या एक-दूसरे को पकड़‌कर आँख मींचकर बैठ जाते हैं। जब आक्रमणकारी या संकट गुजर जाता है, तब वे उठकर वापस आ जाते हैं।

 

प्रश्न 8. स्पीति के निवासियों के कष्टकर जीवन का संक्षिप्त परिचय दीजिए। 

  • उत्तर-स्पीति के निवासियों का जीवन कष्टों से युक्त है। यह बर्फीला स्थान है। लोगों को कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़‌ता है। लकड़ियों का अभाव होने के कारण वे शरीर को गर्म भी नहीं कर सकते हैं। फल-फूलों का अभाव है। हरियाली नहीं है। वर्षा नहीं होती। सड़‌कें, बिजली, टेलीफोन आदि जीवनोपयोगी चीजों का अभाव होने से लोगों का जीवन कष्टमय हो गया है। वातावरण में नीरसता ही नीरसता है। ऐसे में वहाँ के निवासियों के लिए जीवन जीना बहुत कठिन हो गया है।

 

प्रश्न 9. स्पीति के लोग किसी आक्रमणकारी से अपनी सुरक्षा कैसे करते हैं ? 

  • उत्तर-स्पीति के लोग किसी आक्रमणकारी से अपनी सुरक्षा करने के लिए अप्रतिकार का तरीका अपनाते हैं। वे उससे लड़ने के लिए इकट्ठे नहीं होते बल्कि ये चांग्मा का तना पकड़कर या एक सरे को पकड़कर आँख मींचकर बैठ जाते हैं। जब आक्रमणकारी या संकट गुजर जाता है, तब वे उठकर वापस जाते. 

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