विदाई-संभाषण प्रश्न उत्तर | Vidyai Sambhashan 11th HIndi Question answer

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 विदाई-संभाषण प्रश्न उत्तर

विदाई-संभाषण प्रश्न उत्तर | Vidyai Sambhashan 11th HIndi Question answer


 विदाई-संभाषण प्रश्न उत्तर 

प्रश्न 1. 'शिवशंभु की दो गायों' की कहानी के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है ?

  • उत्तर-शिवशंभु की दो गायों की कहानी के माध्यम से लेखक यह कहना चाहता है कि भारत के मानव समाज में ही नहीं, बल्कि पशु-पक्षियों में भी संवेदना है। भारत के मनुष्य ही नहीं, पशु-पक्षी भी अपने साथियों से गहरा लगाव रखते हैं। आपस में लड़ने-झगड़ने के बावजूद उनमें परस्पर अटूट प्रेम की भावना विद्यमान होती है। एक दूसरे से अलग होते समय वे दुःख को महसूस करते हैं। लेखक कहना चाहते हैं कि भारत में विदाई का क्षण मनुष्यों के साथ-साथ पशुओं में भी करुणा को उत्पन्न करने वाला होता है।

 

प्रश्न 2. "आठ करोड़ प्रजा के गिड़गिड़ाकर विच्छेद न करने की प्रार्थना पर आपने जरा भी ध्यान नहीं दिया" - यहाँ किस ऐतिहासिक घटना की ओर संकेत किया गया है ?

 

  • उत्तर- भारत में बंग-भंग अर्थात् बंगाल-विभाजन की घटना ऐतिहासिक महत्व की है। लार्ड कर्जन ने भारत में नित-प्रति होने वाली क्रांतिकारी घटनाओं का समाधान करने के लिए एक कूटनीतिक योजना बनाई । इसके अंतर्गत उसने बंगाल क्षेत्र का विभाजन करने की योजना बनाई। भारत की जनता कर्जन के कलुषित इरादों को समझ गई। अतः बंगाल की आठ करोड़ जनता ने तो बंग-भंग का पुरजोर विरोध किया ही, पूरा भारत इसके विरुद्ध खड़ा हो गया। इस घटना ने स्वतंत्रता आंदोलन की चिंगारी को और अधिक भड़का दिया।

 

प्रश्न 3. कर्जन को इस्तीफा क्यों देना पड़ गया ? 

उत्तर- कर्जन द्वारा इस्तीफा देने के निम्नलिखित कारण थे- 

(क) कर्जन ने बंगाल-विभाजन लागू किया। इसके विरोध में सारा देश खड़ा हो गया। कर्जन द्वारा राष्ट्रीय ताकतों को खत्म करने का प्रयास विफल हो गया, उल्टे ब्रिटिश शासन की जड़ेहिल गईं। 

(ख) कर्जन इंग्लैण्ड में एक फौजी अफ़सर को इच्छित पद पर नियुक्त करवाना चाहता था। उसकी सिफारिश को नहीं माना गया। उसने इस्तीफे की धमकी से काम करवाना चाहा, परंतु ब्रिटिश सरकार ने उसका इस्तीफा ही मंजूर कर लिया।

 

प्रश्न 4. "बिचारिए तो, क्या शान आपकी इस देश में थी और अब क्या हो गई! कितने ऊँचे होकर आप कितने नीचे गिरे !" - आशय स्पष्ट कीजिए।

 

  • उत्तर- लेखक कहते हैं कि कर्जन को भारत में शान थी। दिल्ली दरबार में उसका वैभव चरम सीमा पर था। पति-पत्नि की कुर्सी सोने की थी। उसका हाथी सबसे ऊँचा व सबसे आगे रहता था। सम्राट के भाई का स्थान भी इनसे नीचा था। इसके इशारे पर प्रशासन, राजा, धनी नाचते थे। इसके संकेत पर बड़े-बड़े राजाओं को निट्टी में मिला दिया गया तथा अनेक निकम्मों को बड़े पद मिले। इस देश में भगवान और एडवर्ड के बाद उसका स्थान था। परंतु इस्तीफा देने के बाद सब कुछ खत्म हो गया। इसकी सिफारिश पर एक आदमी भी नहीं रखा गया। जिद के कारण इसका वैभव नष्ट हो गया।

 

प्रश्न 5. "आपके और यहाँ के निवासियों के बीच में कोई तीसरी शक्ति और भी है" यहाँ तीसरी शक्ति किसे कहा गया है ?

 

  • उत्तर- यहाँ 'ईश्वर' को तीसरी शक्ति कहा गया है। लेखक के अनुसार, न तो लार्ड कर्जन की शक्ति सर्वोपरि है, न भारतीय जनता की इच्छा। इन दोनों से ऊपर है, ईश्वर की शक्ति-जिसके संकेत पर संसार के सब कार्य चलते हैं।

 

विदाई-संभाषण प्रश्न उत्तर - पाठ के आस-पास

 

प्रश्न 1. पाठ का यह अंश 'शिवशंभु के चिट्टे' से लिया गया है। शिवशंभु नाम की चर्चा पाठ में भी हुई है। बालमुकुंद गुप्त ने इस नाम का उपयोग क्यों किया होगा ? 

  • उत्तर- 'शिवशंभु' एक काल्पनिक पात्र है जो भाँग के नशे में डूबा रहता है तथा खरी-खरी बात कहता है। यह पात्र अंगेजों की कुनीतियों का पर्दाफाश करता है। लेखक ने इस नाम का उपयोग सरकारी कानून के कारण किया। कर्जन ने प्रेस की अभिव्यक्ति पर प्रतिबंध लगा दिया था। वह निरंकुश शासक था। उस समय ब्रिटिश साम्राज्य से सीधी टक्कर लेने के हालात नहीं थे, परंतु शासन की पोल खोलकर जनता को जागरूक भी करना था। अतः काल्पनिक पात्रों के जरिए अपनी इच्छानुसार बातें कहलवाई जाती थीं।

 

प्रश्न 2. "नादिर से भी बढ़कर आपकी जिद्द है" - कर्जन के संदर्भ में क्या आपको सही लगती है? पक्ष या विपक्ष में तर्क दीजिए। 

  • उत्तर-जी हाँ ! कर्जन के संदर्भ में हमें यह बात सही लगती है। नादिरशाह एक क्रूर राजा था। उसने दिल्ली में कत्लेआम करवाया, परंतु आसिफजाह ने तलवार गले में डालकर उसके आगे समर्पण कर कत्लेआम रोकने की प्रार्थना की, तो तुरंत कत्लेआम रोक दिया गया। कर्जन ने बंगाल का विभाजन किया। आठ करोड़ भारतवासियों की बार-बार विनती करने पर भी उसने अपनी जिद्द नहीं छोड़ी। इस संदर्भ में कर्जन की जिद्द नादिरशाह से बड़ी है। वह नादिरशाह से अधिक क्रूर था। उसने जनहित की उपेक्षा की।

 

प्रश्न 3. "क्या आँख बंद करके मनमाने हुक्म चलाना और किसी की कुछ न सुनने का नाम ही शासन है ?" - इन पंक्तियों को ध्यान में रखते हुए शासन क्या है ? इस पर चर्चा कीजिए। 

  • उत्तर- शासन का अर्थ है-सुव्यवस्था या प्रबंध। यह प्रबंध जनता के हितों के अनुसार होना चाहिए। कोई भी शासक अपनी इच्छा से शासन नहीं कर सकता। जिद्दी शासक के कारण जनता दुःखी रहती है और उसके खिलाफ खड़ी हो जाती है। शासक को सभी वर्गों के अनुसार काम करना होता है। प्रजा को अपनी बात कहने का हक होता है। यदि शासन में कोई परिवर्तन करना भी हो तो उसमें प्रजा की सहमति होनी चाहिए।

 

विदाई-संभाषण प्रश्न उत्तर: भाषा की बात 

प्रश्न 1. "वे दिन-रात यही मानते थे कि जल्द श्रीमान् यहाँ से पधारें।" सामान्य तौर पर 'आने के लिए पधारें' शब्द का इस्तेमाल किया जाता है। यहाँ 'पधारें' शब्द का क्या अर्थ है ? 

 

उत्तर- यहाँ 'पधारें' शब्द का अर्थ है- 'सिधारे' या जाएँ (विदा हो)।

 

प्रश्न 2. पाठ में से कुछ बाक्य नीचे दिए गए हैं, जिनमें भाषा का विशिष्ट प्रयोग (भारतेंदु युगीन ) हुआ है। उन्हें सामान्य हिंदी में लिखिए - 

हिंदी (क) आगे भी इस देश में जो प्रधान शासक आए, अंत को उनको जाना पड़ा। 

(ख) आप किसको आए थे और क्या कर चले ? 

ग) उनका रखाया एक आदमी नौकर न रखा। 

( (घ) पर आशीर्वाद करता हूँ कि तू फिर उठे और अपने प्राचीन गौरव और यश को फिर से लाभ करें।


उत्तर- (क) पहले भी इस देश में जो प्रधान शासक हुए, उन्हें अंत में जाना पड़ा। 

(ख) आप किसलिए आए थे और क्या करके चले ? 

(ग) उनके रखवाने से एक आदमी नौकर न रखा गया। 

(घ) पर आशीर्वाद देता हूँ कि तू फिर उठे और अपने प्राचीन गौरव और यश को फिर से प्राप्त करें।

 

विदाई-संभाषण प्रश्न उत्तर- अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

 प्रश्न 1. लॉर्ड कर्जन की इच्छा क्या थी ? उसका क्या कुपरिणाम हुआ ? 

  • उत्तर- लॉर्ड कर्जन यह चाहता था कि उसके विरोध में उठने वाली आवाज हमेशा के लिए शांत हो जाय तथा भारतवर्ष में ब्रिटिश साम्राज्य की जड़ें इतनी मजबूत हो जाएँ कि कभी उसे कोई उखाड़ न सके। इसी कारण उसने बंगाल का विभाजन करना चाहा। 
  • उनके इस इच्छा का परिणाम अच्छा नहीं हुआ। बंगाल के लोग बंग-भंग योजना से अशान्त हो गये। देश में सर्वत्र अशान्ति फैल गई। स्वतन्त्रता के लिए जन आन्दोलन भड़क उठा।

 

प्रश्न 2. लॉर्ड कर्जन मूलतः जनविरोधी थे-सिद्ध कीजिए। 

  • उत्तर- लॉर्ड कर्जन मूल रूप से जनविरोधी शासक थे। वे अपनी मनमानी करना चाहते थे। वे ब्रिटिश शासन के सेवक थे। इसलिए उनकी नजरों में श्रेष्ठ शासक सिद्ध होना चाहते थे। वे ऐसे कार्य करना चाहते थे जिससे ब्रिटिश शासक प्रसन्न हों तथा भारतवर्ष उनकी मुट्ठी में हो जाए। इसलिए उन्होंने भारत की उन्नति करने की बजाय उसकी शक्ति कम करने की योजना बनाई, उन्हें दबाने की कोशिश की। उन्होंने जानबूझकर भारतीयों को अनसुनी की।

 

प्रश्न 3. विदाई का समय करुणोत्पादक होता है, इस तथ्य को सप्रमाण सिद्ध कीजिए।

  • उत्तर-विदाई का समय अत्यन्त करुणाजनक होता है। उस समय हमारा लगाव जाग उठता है, प्रेम प्रकट हो उठता है। चाहे हम अपने अपनों से कितना भी झगड़ते हों, तब भी उसका अभाव अनुभव करते हैं। विदाई के समय हम अपने सारे कष्ट भूल जाते हैं। हमारा बैर भाव छूटकर शान्त रस में बदल जाता है। शिवशम्भु को दो गायें प्रमाण हैं। वे आपस में झगड़ती थीं। किन्तु जब बलशाली गाय कमजोर गाय को छोड़कर जाने लगी तो कमजोर गाय उसके वियोग में भूखी खड़ी रही। उसने चारा तक नहीं खाया। इससे पता चलता है कि विदाई का समय कारुणिक होता है।

 

प्रश्न 4. लेखक ने भारत की जनता के स्वभाव पर क्या टिप्पणी की है ? 

उत्तर-लेखक के अनुसार, भारत की जनता उदार, सहनशील, कृतज्ञ, करुणाशील, क्षमाशील तथा श्रद्धालु है। भारत के लोग शासक द्वारा ढाए गए अत्याचारों की अधिक परवाह नहीं करते। वे ईश्वर पर विश्वास करते हैं तथा सब अत्याचारों को सह जाते हैं। उनका विश्वास है कि ईश्वर ही उनका रखवाला है। वही समय आने पर उनकी सब विपदाएँ दूर कर देगा। भारत के लोग अपने शासकों के प्रति श्रद्धा और विश्वास रखते हैं। यदि कोई शासक उनके साथ सद्व्यवहार करे तो वे युग-युग तक उन्हें याद करते हैं तथा अपने गीतों में उनकी महिमा गाते हैं।

 

प्रश्न 5. लेखक विदाई के समय लॉर्ड कर्जन के मुख से क्या सुनना चाहता है ? 

उत्तर- लेखक विदाई के समय लॉर्ड कर्जन के मुख से भारत की महिमा की स्वीकृति के शब्द सुनना चाहता है। वह चाहता है कि कर्जन जाते-जाते भारत की उन्नति के प्रति कामना प्रकट करे तथा उसके प्राचीन गौरव को याद करे।

 

प्रश्न 6. लॉर्ड कर्जन द्वारा किये गये भारत विरोधी कार्यों की सूची बनाइए। 

उत्तर- लॉर्ड कर्जन ने भारत की जनता के विरुद्ध अनेक निम्नलिखित कार्य किए- (1) उसने भारतीय शिक्षा प्रणाली को तहस-नहस किया। (2) उन्होंने भारतीयों की इच्छा के विरुद्ध बंगाल का विभाजन किया। (3) भारतीयों के अभिव्यक्ति की आजादी पर प्रतिबन्ध लगाया। (4) देश की सम्पत्ति तथा संसाधनों का ब्रिटिश के हित में प्रयोग किया। (5) भारत देश में अंग्रेजों के वर्चस्व को स्थापित किया।

 

प्रश्न 7. नर सुल्तान का गुणगान क्यों किया जाता है ? 

उत्तर - नर सुल्तान एक राजकुमार था। उसने अपनी विपदा के कुछ वर्ष नरवरगढ़ नामक राज्य में काटे। उसने वहाँ चौकीदार से लेकर ऊँचे पदों पर कार्य किया। जब वह नरवरगढ़ छोड़कर जाने लगा तो उसने नरवरगढ़ की भूमि तथा उसके निवासियों के प्रति असीम स्नेह प्रकट किया। उस स्नेह को देखकर नरवरगढ़वासी मुग्ध हो गए। तब से वे अपने गीतों में नर सुल्तान की महिमा का गुणगान करते हैं।

 

प्रश्न 8. लेखक ने शिवशम्भु की दो गायों की क्या कहानी बताई है ? 

उत्तर - लेखक ने शिवशम्भु की दो गायों के बारे में बताया है कि उनमें से एक अधिक शक्तिशाली थी और दूसरी कमजोर थी। शक्तिशाली गाय कमजोर गाय को अपने सींगों की टक्कर से बार-बार गिरा दिया करती थी। एक दिन शिवशम्भु ने टक्कर मारने वाली गाय एक पुरोहित को दे दी। उस गाय के चले जाने के बाद कमजोर गाय प्रसन्न नहीं हुई अपितु उदास रहने लगी और उसने उस दिन कुछ भी नहीं खाया। भाव यह है कि भारत देश में पशु-पक्षी भी विदाई के समय अपने शत्रु के बुरे व्यवहार को भुला देते हैं।

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