समाजमिति विधि |Sociometry Method

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समाजमिति विधि |Sociometry Method

समाजमिति विधि (Sociometry Method) 

  • समाजमिति विधि सामाजिक अनुसंधान की एक नवीन प्रविधि है। इसके जन्मदाता मोरेन (Moreno) महोदय हैं। उन्होंने सन् 1934 में प्रकाशित अपनी पुस्तक 'हू शैल सरवाइव' (Who Shall Survive) में विद्यालयों में किये हुए अनेक सामूहिक अध्ययनों का वर्णन किया है, जिनमें अन्य प्रविधियों के साथ समाजमिति का भी प्रयोग किया है।
  • इस पद्धति का तात्पर्य यह है कि समाजमिति, सामाजिक अनुसन्धान की एक ऐसी पद्धति है, जिसके द्वारा एक समूह के सदस्यों के पारस्परिक सम्बन्धों, उनके आकर्षण-विकर्षण, समूह में विभिन्न सदस्यों की सामाजिक स्थिति आदि की सम्पूर्ण व्यवस्था को रेखीय निरुपण द्वारा सफलता एवं संदिग्धता से प्रस्तुत करते हुए उन सबका अध्ययन किया जाता है।

 

  • 1. वी.वी. अकोलकर-समाजमिति एक समूह के ढाँचे का अध्ययन करने तथा प्रत्येक समूह का स्तर मापने की प्रविधि है। 
  • 2. जे.जी. होम-एक समूह में व्यक्तियों के आकर्षणों एवं विकर्षणों को मापकर सामाजिक स्वरूप के अन्वेषण और व्यवस्था के लिये प्रयोग में लायी जाने वाली प्रविधि है। 
  • 3. ब्रोनफेनब्रेनर-समूह में व्यक्तियों के बीच स्वीकृति एवं अस्वीकृति की मात्रा की माप के द्वारा सामाजिक स्थिति, ढाँचा एवं विकास के अन्वेषण, विवरण एवं मूल्यांकन की प्रणाली।

 

समाजमिति विधि की विशेषताएँ (Characteristics of Sociometry Method)- 

  • समाजमिति विधि का सामाजिक मनोवैज्ञानिकों, समाजशास्त्रियों एवं मनोव्याधिशास्त्रियों द्वारा अत्यधिक प्रयोग किया जाता है। इस विधि का प्रयोग कर हम किसी भी समूह के विभिन्न सदस्यों के पारस्परिक सम्बन्धों तथा समूह में उनकी स्थितियों का बहुत ही शीघ्र ज्ञान कर सकते हैं। साथ ही इस विधि द्वारा हम ऐसे व्यक्तियों को चुन सकते हैं, जो दूसरों के साथ अनुकूलन करना नहीं चाहते। इस प्रकार की जानकारी प्राप्त कर हम समूहों में एकत्व स्थापित करने की चेष्टा कर सकते हैं। समाजमिति विधि के तथ्यों का प्रस्तुतीकरण एवं व्यवस्था करने के लिये दो पद्धतियों समाजचित्र (Sociogram) तथा समाजसारणी (Sociomatrix) का प्रयोग किया जाता है।

 

अन्तर्मुखी अवलोकन या अन्तर्निरीक्षण विधि को गुण-दोष सहित समझाइये। 

 अन्तर्मुखी अवलोकन या अन्तर्निरीक्षण विधि 

  • अन्तर्निरीक्षण मनोविज्ञान की सबसे पुरानी विधि है। जब मनोविज्ञान चेतना का विज्ञान कहा जाता था तो यही एक विधि थी। अतः शाब्दिक तौर पर इसका भाव है 'भीतर झांकना'। वुडवर्थ का विचार है कि इसका अर्थ स्व-निरीक्षण है। स्काऊट के मतानुसार अपने मन के कार्यों का नियमपूर्वक ढंग से अध्ययन करना ही अन्तर्दशन है। 
  • अन्तर्निरीक्षण अवलोकन स्व-चेतना का एक विकसित रूप है। इसकी परिभाषा इस प्रकार की जा सकती है- अन्तर्निरीक्षण अवलोकन मानसिक घटनाओं का, जब वे घटती है, व्यक्ति द्वारा आतंरिक अवलोकन है, मस्तिष्क द्वारा स्वयं की क्रियाओं का निरीक्षण।

 

अन्तर्निरीक्षण विधि के गुण 

1. यह सबसे सरल तथा कम व्यय वाली विधि है क्योंकि इसमें प्रयोगशाला, मूल्यवान उपकरण या किसी दूसरे सहायक की आवश्यकता नहीं होती। इसमें केवल एक ही मनुष्य, विषय और व्यक्ति होता है। 

2. इस विधि की सहायता से ऐसी मानसिक क्रियाओं को देखा जा सकता है जो हम दूसरों को बताना नहीं चाहते जैसे कि लिंग अनुभव । 

3. यह किसी स्थान पर किसी समय भी किया जा सकता है क्योंकि व्यक्ति का मन इसकी प्रयोगशाला है। 

4. यह व्यक्ति के व्यक्तित्व में सुधार लाने के लिए लाभदायक है जैसे कि किसी प्रकार की असाधारणता हो तो अन्तर्निरीक्षण विधि द्वारा दूर करने के लिए सुझाव दिया जा सकता है।

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