बालक के सामाजिक विकास को प्रभावित करने वाले कारक
बालक के सामाजिक विकास को प्रभावित करने वाले कारक
सामाजिक विकास को प्रभावित करने वाले कुछ तत्व होते हैं। दूसरे शब्दों में, सामाजिक विकास कुछ कारकों पर निर्भर करता है। यहाँ हम तत्वों या कारकों का वर्णन करेंगे, जो सामाजिक विकास को प्रभावित करते हैं।
सामाजिक विकास को प्रभावित करने वाले कुछ मुख्य कारक निम्नलिखित हैं-
1. वंशानुक्रम (Heredity) -
- वंशानुक्रम बालक की अनेक योग्यताएँ निर्धारित करता है। सामाजिक विकास को वंशानुक्रम प्रभावित करता है, परन्तु कुछ मनोवैज्ञानिक सामाजिक विकास पर वंशानुक्रम का प्रभाव कुछ सीमा तक ही मानते हैं।
2. शारीरिक विकास (Physical Development) -
जिस बालक का शारीरिक विकास सन्तोषजनक होता है, उसका सामाजिक विकास भी सन्तोषजनक होता है।
सोरेन्सन (Sorenson) का कथन है, "जिस प्रकार अच्छा शारीरिक और मानसिक विकास साधारणतः सामाजिक रूप से परिपक्व होने में सहायता करता है, उसी प्रकार कम शारीरिक और मानसिक विकास बालक के सामाजिक विकास की गति को धीमी कर देता है।"
3. संवेगात्मक विकास (Emotional Development)-
संवेगात्मक विकास भी सामाजिक विकास को प्रभावित करता है। क्रोधी व्यक्ति से सभी नफरत करते हैं। चिड़चिड़े स्वभाव के व्यक्ति को कोई पसन्द नहीं करता, परन्तु मधुर स्वभाव वाला व्यक्ति सभी को अपनी ओर आकर्षित करता है। क्रो तथा क्रो (Crow and Crow) के अनुसार- "संवेगात्मक और सामाजिक विकास साथ-साथ चलते हैं।"
4. परिवार (Family)-
बालक का समाजीकरण परिवार में ही आरम्भ होता है। परिवार के सदस्य जैसा व्यवहार करते हैं, बालक भी वैसे ही व्यवहार का अनुकरण करता है।
5. माता-पिता का दृष्टिकोण (Views of Parents)-
बालक के प्रति माता-पिता का दृष्टिकोण भी सामाजिक विकास को प्रभावित करता है। जिस बालक को वहुत अधिक लाड़-प्यार मिलता है, उसका सामाजिक विकास अन्य बालकों की अपेक्षा कम होता है।
6. माता-पिता की आर्थिक स्थिति (Economic Status of Farents)-
जो बालक धनी परिवार से सम्बन्ध रखते हैं, उनका सामाजिक विकास सन्तोषजनक ढंग से होता है। इसका कारण यह है कि उसका सम्पर्क अनेल व्यक्तियों से होता है, जो उसके सामाजिक विकास में सहायता करते हैं। निर्धन परिवार के वालकों का सामाजिक विकास मन्द गति से होता है।
7. विद्यालय का वातावरण (Environment of School)-
विद्यालय का वातावरण भी सामाजिक विकास को प्रभावित करता है, यदि विद्यालय का वातावरण मधुर है, तो वालक का सामाजिक विकास सन्तोषजनक ढंग से होगा। जनतन्त्रीय सिद्धान्तों पर चलने वाले विद्यालयों में बालकों का सामाजिक विकास सन्तोषजनक ढंग से होता है।
8. शिक्षक का मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health of Teacher) -
बालक के सामाजिक विकास पर शिक्षक के मानसिक स्वास्थ्य का भी प्रभाव पड़ता है। यदि शिक्षक अपने छात्रों से सहानुभूति रखता है तो बालकों का भी मानसिक स्वास्थ्य ठीक रहता है। फलस्वरूप उनका मानसिक विकास होता रहता है। योग्य शिक्षकों की देखरेख बालकों के सामाजिक विकास को प्रभावित करती है।
9. विद्यालय के क्रिया-कलाप (Activities of School) -
वाद-विवाद, अन्त्याक्षरी, शैक्षिक भ्रमण और खेलकूद बालक के सामाजिक विकास को प्रभावित करते हैं। खेल के द्वारा बालक सामाजिक गुणों का विकास करता है, जो बालक खेलकूद में भाग नहीं लेते, उनका सामाजिक विकास रुक जाता है।
10. समूह (Group)-
हरलॉक का कथन है, "समूह के प्रभाव के कारण बालक सामाजिक व्यवहार का ऐसा महत्वपूर्ण प्रशिक्षण प्राप्त करता है, जो समाज द्वारा निश्चित की गयी दशाओं में उतनी कुशलता से प्राप्त नही किया जा सकता।"
उपर्युक्त कारणों के अतिरिक्त निम्नलिखित कारण भी बालक के सामाजिक विकास को प्रभावित करते हैं-
(1) परिवार के रीति-रिवाज, (2) धार्मिक संस्थाएँ, (3) भाषा, (4) सिनेमा, नाटक, रेडियो आदि, (5) समाचार-पत्र, (6) राष्ट्रीय पर्व, (7) शिक्षा के अनौपचारिक साधन तथा (8) सामाजिक प्रतियोगिताएँ।